हार्ट अटैक की जानकारी लगते ही मरीजों की चिंता बहुत ज्यादा बढ़ जाती है, वहीँ हार्ट अटैक के मरीजों में दोबारा इसके जोखिम को कम करने के लिए अपनी डाइट पर खास ध्यान देने की जरुरत होती है।
हार्ट अटैक के मरीजों को दोबारा हार्ट अटैक आने खतरा होता है, जिसकी वजह से उनका ट्रीटमेंट चलता है और नियमित रूप से दवाएं लेने के लिए कहा जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि खान-पान की आदतों में बदलाव करके भी हार्ट अटैक के जोखिम को कम किया जा सकता है।
अपने हार्ट को फिट रखने के लिए खुद को स्वस्थ आहार की तरफ ढालना बहुत ज्यादा जरूरी है। हेल्दी हार्ट के लिए आपको किन चीजों का सेवन नहीं करना, इसकी बजाय किन चीजों का सेवन करना चाहिए, इस पर ज्यादा ध्यान देना होगा। इसलिए कोशिश करें की जितना हेल्थी चीज़ों को खाने पर विशेष ध्यान दें।
डॉक्टर, फाइबर के इनटेक को बढ़ाने के लिए साबुत अनाज खाने की सलाह देते हैं। डायटरी फाइबर बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर वजन को नियंत्रित रखने के साथ ब्लड शुगर लेवल्स को भी कंट्रोल में रखता है। साबुत अनाज के तौर पर आप ओट्स, जौ, ब्राउन राइस,आदि का सेवन कर सकते हैं।
हार्ट अटैक के बाद डाइट में फल और सब्जियों का सेवन अच्छी मात्रा में करें। ये भी डायटरी फाइबर का उच्च स्रोत माने जाते हैं। ध्यान रखें फलों का जूस पीने की बजाय पूरे फल का सेवन करें। सब्जियों को बहुत कम ऑयल में सॉटे करके आहार का हिस्सा बनाएं।
प्रतिदिन एक मुठ्ठी नट्स का सेवन करना हार्ट अटैक के मरीज के लिए फायदेमंद हो सकता है। कई शोध में इसकी पुष्टि हुई है कि नट्स में हार्ट हेल्दी फैट्स होते हैं। सॉल्टेड नट्स के सेवन से परहेज करें।
प्रोटीन के लिए हमेशा लीन मीट का चयन करें। प्रोसेस्ड मीट से दूरी बनाकर रखें। प्रोटीन के लिए फिश अच्छे ऑप्शन में से एक है। वहीं वेजिटेरियन लोग प्रोटीन के लिए अंडा, योगर्ट, चीज, टोफू, सोया मिल्क, बीन्स, काबुली चना, काजू, बादाम, अखरोट आदि को डाइट का हिस्सा बना सकते हैं।
हार्ट अटैक के बाद कुछ चीजों का सेवन बिल्कुल न करें- जैसे चॉकलेट, आइसक्रीम, कस्टर्ड आदि का सेवन न करें। फ्राइड व बेक किए गए प्रोडक्ट्स जैसे चिप्स, कुकीज, नमकीन, केक आदि से परहेज करें।खाने में नमक का उपयोग न के बराबर करें।
हार्ट अटैक के बाद डाइट के साथ दवाओं का सेवन समय पर करें। खुद को तनाव मुक्त रखें। इसके लिए मेडिटेशन का भी सहारा ले सकते हैं। अगर अल्कोहल का सेवन या स्मोकिंग करते हैं, तो आज ही इसको बाय बाय कर दें।रिफाइंड ऑयल से दूरी बनाकर रखें।
ह्रदय रोग होने पर आप कुछ योग, ध्यान और आसन कर सकते हैं, जैसे की योग प्राणायाम एवं ध्यान में आप अनुलोम विलोम, भ्रामरी, उदगीथ, प्रनव जप कर सकते हैं। और आसन में पश्चिमोत्तानासन, भुजंगासन, उत्तानपादासन, मर्कटासन, गोमुखासन, मण्डूकासन, शशांकासन कर सकते हैं।