लीवर हमारे शरीर का एक बहुत ही विशेष अंग है। लेकिन ज्यादा मात्रा में खाने, शराब पीने और अत्यधिक मात्रा में फैट युक्त भोजन करने से फैटी लीवर जैसे रोग होने की संभावना रहती है।
लीवर में वसा की कुछ मात्रा का होना तो सामान्य बात है लेकिन फैटी लीवर बीमारी व्यक्ति को तब होती है, जब वसा की मात्रा लीवर से बहुत ही अधिक हो जाती है। ऐसी स्थिति में लीवर सामान्य रूप से कार्य करने में की क्षमता खो देता है, जिसके चलते अनेक लक्षणों को उत्पन्न करता है
फैटी लीवर सामान्यतः दो प्रकार का होता है, एल्कोहलिक फैटी लीवर डिज़ीज और नॉन एल्कोहलिक फैटी लीवर डिज़ीज
अत्यधिक शराब पीना, आनुवांशिकता, मोटापा, फैटी फूड और मसालेदार खाने का सेवन, रक्त में वसा का स्तर ज्यादा होना, मधुमेह या डायबिटीज, एस्पिरीन या ट्रेटासिलीन जैसी दवाइयों का लम्बे समय तक सेवन, पीने के पानी में क्लोरीन की अत्यधिक मात्रा, वायरल हेपाटाइटिस आदि फैटी लीवर के कारक हैं
आपको बताते हैं की आप कैसे पता लगाएं की आपको फैटी लीवर है, जैसे की पेट के दाएँ भाग के ऊपरी हिस्से में दर्द, वजन में गिरावट, कमजोरी महसूस करना, भोजन सही प्रकार से हजम नहीं होना जिसके कारण एसिडिटी का होना, पेट में सूजन होना आदि कई लक्षण हैं
फैटी लीवर से बचने के लिए ताजे फल और सब्जियों को अपने आहार में शामिल करें।अधिक नमक,ट्रांसफैट, रिफाइन्ड कार्बोहाइड्रेट्स तथा सफेद चीनी का प्रयोग बिल्कुल बंद कर दें। एल्कोहल या शराब का सेवन बिल्कुल न करें। साथ ही भोजन में लहसुन को शामिल करें यह फैट जमा होने से रोकता है।
बच्चों में फैटी लीवर होने की संभावना को कम करने के कुछ आसान उपाय होते हैं, जैसे की बच्चों को मीठा खाना कम दें। रेशेदार फल एवं सब्जियों का सेवन करें। साथ ही शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाएँ एवं नियमित रूप से व्यायाम करें।
आंवला हमारे फैटी लीवर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है, जिसमे 4 ग्राम सूखे आँवले का चूर्ण पानी के साथ दिन में तीन बार लेने से 20-25 दिनों में लीवर के रोगों में आराम मिलता है। क्यूंकि आँवला में भरपूर मात्रा में एन्टी-ऑक्सिडेंट और विटामिन सी होता है
इसके साथ ही गौमूत्र का सेवन भी फैटी लीवर का उपचार करने के लिए अमृत के समान मानी जाती है, सुबह और शाम खाली पेट 20-20 मि.ली. की मात्रा में पानी मिलाकर गौमूत्र का सेवन करें।
फैटी लीवर के लक्षण नजर आने लगे तो बिना देर किये डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए। इससे आप समय पर फैटी लीवर का उपचार करा पाएंगे और फिर से स्वस्थ हो पाएंगे।