संसद पर हमले की बरसी पर लोकसभा की सुरक्षा में भारी चूक। बुधवार दोपहर करीब एक बजे दो लोग लोकसभा में दर्शक दीर्घा से सदन के भीतर कूदे। उन्होंने पीली गैस का स्प्रे करने किया। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। हिरासत में लिए गए आरोपियों से की जा रही है पूछताछ।
आज ही के दिन यानी 13 दिसंबर 2001 को हुए संसद भवन पर आतंकी हमले से पूरा देश हिल गया था। इस हमले में देश के 9 सैनिक शहीद हो गए थे।
आतंकी हमले की आज 22वीं बरसी पर देश के उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पीएम मोदी, लोकसभा सांसद ओम बिरला अमित शाह, मल्लिकार्जुन खरगे समेत कई सांसदों ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पीएम मोदी ने शहीदों के परिवारजनों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी।
"राष्ट्र हमेशा उन बहादुर सुरक्षा कर्मियों का ऋणी रहेगा जिन्होंने 2001 के आतंकवादी हमले में अपनी जान कुर्बान कर दी।"- राष्ट्रपति मुर्मू
आज से ठीक 22 साल पहले आतंकवादियों ने 13 दिसंबर 2001 को भारत की संसद को निशाना बनाया था। अभी की तरह तब भी संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा था।
हमले के समय 100 से ज्यादा VIPs संसद भवन के अंदर मौजूद थे। गेट पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों को चकमा देकर पांच आतंकी एक सफेद एम्बेसडर कार में संसद भवन में दाखिल हो गए।
आतंकियों के पास AK-47 राइफलें, ग्रेनेड लॉन्चर्स, पिस्टल और हैंडगंस का जखीरा था। पांचों ने संसद भवन में पहुंचते ही गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। हमले के बाद करीब 45 मिनट तक संसद परिसर जंग का मैदान बना रहा।
उस समय के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और विपक्ष नेता सोनिया गांधी समेत तमाम सांसद निकल चुके थे। हालांकि, डिप्टी पीएम लालकृष्ण आडवाणी और रक्षा राज्य मंत्री हरीन पाठक समेत 100 से ज्यादा सांसद भीतर मौजूद थे।
नवंबर 2002 में जैश के चार आतंकियों को पकड़ा गया। उनके खिलाफ मुकदमा चला। सभी को दोषी पाया गया। अफजल गुरु नाम के एक आरोपी को फांसी की सजा हुई।