श्री राम के पिता दशरथ ने उनकी सौतेली माता कैकेयी को उनकी किन्हीं दो इच्छाओं को पूरा करने का वचन (वर) दिया था
वहीं हनुमान का जन्म शिव के 11वें रुद्रावतार के रूप में हुआ है. कहा जाता है कि भगवान राम की रक्षा के लिए ही हनुमान का जन्म हुआ और हनुमान भगवान राम के प्रिय और परम भक्त हैं.
वहीं हनुमान का जन्म शिव के 11वें रुद्रावतार के रूप में हुआ है. कहा जाता है कि भगवान राम की रक्षा के लिए ही हनुमान का जन्म हुआ और हनुमान भगवान राम के प्रिय और परम भक्त हैं |
रामायण ग्रंथ के अनुसार भगवान मर्यादापुरुषोत्तम श्रीराम को 14 वर्षों का वनवास मिला था. उनके साथ उनकी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण वन में गए थे. अयोध्या छोड़कर तीनों 14 वर्ष तक भारत-भूमि पर विभिन्न स्थानों पर रहे. वे उत्तरी भाग से लेकर दक्षिण में समुद्र तट पार कर लंका तक गए
मेरी झोपड़ी के भाग आज जाग जाएंगे, राम आएँगे, मेरी कुटिया के भाग आज जाग जाएंगे, राम आएँगे, भाग आज जाग जाएंगे, राम आएँगे, राम आएँगे आएँगे, राम आएँगे, राम आएँगे आएँगे, राम आएँगे
श्रीराम, भगवान विष्णु के 7वें अवतार थे, वह 12 कलाओं से युक्त थे. वह सूर्यवंशी थे और सूर्य की 12 कलाएं ही होती हैं. उसी तरह श्री कृष्ण चंद्र वंशी थे, वह 16 कलाओं से युक्त थे.
राम ने सुग्रीव को अपना साथी बनाया था और उसे भगवान के वचन का पालन करने के लिए कहा था। बाली के अत्याचारों के कारण, राम ने बाली का वध करने का निर्णय लिया।
रावण के सभी महारथी मर चुके थे तो उसे स्वयं ही युद्ध में आना पड़ा। युद्ध में आने के बाद वह श्री राम को ललकारता है
श्री राम रावण की नाभि में बाण मारते हैं और उसके अमृत को सूखा देते हैं उसके पश्चात श्री राम रावण का वध कर देते हैं। मरने से पहले रावण के मुख से श्री राम निकलता है
भगवान राम ने विशेष बाण से रावण का वध किया था. यह बाण मंदोदरी के महल में था, जिसे हनुमानजी द्वारा लाया गया था. चलिए जानते हैं इस रोचक प्रसंग के बारे में विस्तार से. भगवान राम ने विशेष बाण से रावण का वध किया था.