ज्योतिष शास्त्र में राहु-केतु को पापी ग्रह के रूप में जाना जाता है. जिनकी कुंडली में राहु-केतु का अशुभ प्रभाव रहता है, उनके जीवन में बहुत ही कष्ट रहता है. आपको बता दे कि, राहु केतु दोष से ही कालसर्प दोष का निर्माण होता है.
अगर आपकी कुंडली में भी राहु-केतु की दशा-महादशा है तो आपको यह जरूर जानना चाहिए कि, किन उपायों से राहु-केतु दोष का निवारण होगा और परेशानियों से मुक्ति मिलेगी. ज्योतिष में इसके लिए अचूक और चमत्कारी उपायों के बारे में बताया गया है
राहु और केतु के लिए विशेष पूजा आयोजित करना फायदेमंद हो सकता है. इसमें कुंडली के अनुसार राहु के लिए गोमेध यज्ञ और केतु के लिए अश्वमेध यज्ञ आयोजित किया जा सकता है.
"ऊं राहवे नमः" और "ऊं केतवे नमः" ये मंत्र राहु और केतु के लिए किए जा सकते हैं. इन मंत्रों का नियमित जाप करना उनके बुरे प्रभाव को कम करता है.
गरीबों को आहार, वस्त्र, और धन का दान करना बड़े योग्य हो सकता है. इसके अलावा, गाय को खाना खिलाना और गौशाला में सेवा करना भी उपयुक्त हो सकता है.
योग और ध्यान का प्रैक्टिस करना शरीर और मानसिक स्वास्थ्य को सुधार सकता है, जिससे राहु और केतु का प्रभाव भी कम हो सकता है
राहु दोष के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए नीले रंग के कपड़े पहनें और केतु दोष होने पर गुलाबी रंग के कपड़े पहनें
रुद्राक्ष की माला से पंचमुखी शिवजी के सामने बैठकर ‘ऊं नम: शिवाय’ मंत्र का जाप करें. इससे भी राहु-केतु का दुष्प्रभाव कम होता है.
राहु केतु ग्रह की शांति के लिए घर पर भगवान श्रीकृष्ण की ऐसी तस्वीर रखें, जिसमें वे शेषनाग के ऊपर नृत्य कर रहे हों. इस तस्वीर की प्रतिदिन पूजा करें, और ‘ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम:’ मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें. इस उपाय से भी उग्र राहु-केतु शांत होते हैं.
राहु ग्रह का रत्न गोमेद है. कुंडली में राहु दोष होने पर ज्योतिषी की सलाह से इस रत्न को शनिवार के दिन धारण करना चाहिए.