अयोध्या में बन रहे श्री राम मंदिर के बारे में कुछ ऐसे रोचक तथ्य, जो उसे एक अलग पहचान देते हैं।
22 जनवरी 2024 को राम मंदिर के उद्घाटन की तारीख निश्चित की गई है और उद्घाटन से पहले कुछ महत्वपूर्ण चीज़े जानना बहुत जरुरी है।
श्री राम मंदिर की नींव को महत्वपूर्ण बनाने के लिए देश के कई धार्मिक स्थानों से मिट्टी लाई गई। झाँसी, बिठूरी, यमुनोत्री, हल्दीघाटी, चित्तौड़गढ़ जैसे स्थानों सहित 2587 क्षेत्रों की पवित्र मिट्टी से मंदिर की पवित्रता को बढ़ाया गया।
राम मंदिर निर्माण में स्टील या लोहे का उपयोग नहीं किया गया है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव के अनुसार श्री राम मंदिर में विशेष पत्थरों का उपयोग किया गया है।
राम मंदिर को भव्य बनाने में वास्तुकार प्रसिद्ध सोमपुरा परिवार का विशेष योगदान हैं, जिन्होंने पूरी दुनिया में 100 से ज्यादा प्रसिद्ध मंदिरों का निर्माण किया। जिसमें सोमनाथ जैसे मंदिर भी शामिल हैं।
राम मंदिर के निर्माण में सबसे दिलचस्प बात ये है की प्रयुक्त ईंटों पर पवित्र शिलालेख 'श्री राम' अंकित है। साथ ही यह राम सेतु के निर्माण की प्राचीन प्रथा को दर्शाता है।
उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में राम मंदिर उद्घाटन के दिन, यानि 22 जनवरी को सभी स्कूल और कॉलेजों में अवकाश रहेगा।
केंद्र सरकार ने लोगों से अपील की है की राम लला के आगमन पर लोग अपने अपने घरों में दीप जलाकर उनका स्वागत करें और पास के मंदिरों में कीर्तन आदि का आयोजन करें।
हिंदू ग्रंथों, वास्तु शास्त्र और शिल्पा शास्त्रों के अनुसार, मंदिर 250 फीट चौड़ा, 380 फीट लंबा और 161 फीट ऊँचा होगा। और मंदिर परिसर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा हिंदू मंदिर होगा।
राम मंदिर के निर्माण में विभिन्न क्षेत्रों से महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता मिली है। साथ ही मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य बापू और आध्यात्मिक नेता मोरारी बापू सहित अनेक लोगों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।
आने वाली पीढ़ी के लिए निर्माण प्रक्रिया और विवरण को संरक्षित करने के लिए, 3डी मैपिंग और आभासी वास्तविकता सहित उन्नत डिजिटल दस्तावेज़ीकरण तकनीकों को भी नियोजित किया गया है।