ठंडियों का मौसम आते ही हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है.
दरअसल ठंड के कारण खून की मांसपेशियां सुकड़ जाती हैं. जिस कारण ब्लड का बहाव धीमा पड़ जाता है, और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, ब्लड प्रेशर बढ़ने से हार्ट अटैक होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
इसके साथ ही कोलेस्ट्रॉल बढ़ना सेहत के लिए गंभीर संकेत है। इन दिनों ज्यादातर लोग बढ़ते कोलेस्ट्रोल से परेशान है। बढ़ते कोलेस्ट्रॉल की वजह से खून की नसें ब्लॉक हो सकती हैं,हार्ट अटैक के जोखिम से बचने के लिए कोलेस्ट्रॉल पर काबू रखना सबसे जरूरी है,
अधिक नमक का सेवन करने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है यह सबको मालूम है, लेकिन आपको यह भी पता होना चाहिए कि नमक आपके शरीर में पानी को रोकता है। इसलिए कम से कम मात्रा में नमक का सेवन करें।
सांस लेने में तकलीफ होना, सीने में जलन और दर्द होना, सीने में दबाव महसूस करना, हाथ, कमर, गर्दन और जबड़े में दर्द होना आदि जैसे कोई लक्षण हैं तो तुरंत आपने डॉक्टर से परामर्श लें। क्योंकि ये हार्ट अटैक के कुछ शुरूआती लक्षण होते हैं
अगर आपको पहले ही हार्ट अटैक आ चूका है या दिल की बीमारी है तो आपको सर्दी के मौसम में सुबह नहीं उठना चाहिए यानी सुबह जल्दी बिस्तर नहीं छोड़ना चाहिए। क्योंकि सर्दी के मौसम में नसें पहले ही सिकुड़ी हुई होती हैं।
डॉक्टर आपकी उम्र, दिल की बीमारी, पहले से चल रहे इलाज आदि को ध्यान में रखते हुए कुछ खास व्यायाम करने का सुझाव देते हैं। आमतौर पर दिल के मरीज को धीमी गति में टहलने का सुझाव दिया जाता है।
दिन की तुलना में सुबह के समय शरीर में डेड मसल्स सेल 20% अधिक होते हैं। दिल का काम पूरी बॉडी में खून सप्लाई करना है। साथ ही, दिल डेड सेल्स को हटाने का काम भी करता है। इन वजह से सुबह के दौरान दिल पर अधिक दबाव पड़ता है जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
अगर किसी को हार्ट अटैक आए तो बिना देरी किये उस मरीज को आप तुरंत सीपीआर दें। सीपीआर का मतलब है कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन। सीपीआर की बदौलत काफी हद तक मरीज की जान बचाई जा सकती है। यह एक तरह की प्राथमिक चिकित्सा यानी की फर्स्ट एड है।