जो तू , नहीं तो चल तू न हो सही
बहुत फर्क होता है .........
किसी ने ही कामल की बात कही है
मिर्जा खालिब ने क्खूया ब कहा है .....
कभी आओ बैठो मेरे करीब ......
नजरे बयां करती है लेकिन इजहार नही करती
हम सब को स्कूल की याद बहुत आती है
प्यार एक खूबसूरत ऐसास है
अक्सर जब हम बीमार होते होगे आप ने देखा होगा ...