घर में अकेले हों या दोस्तों के साथ चिल आउट करना हो, तो ऐसे में अक्सर बच्चे और बड़े 2 मिनट में बनने वाली मैगी खाना पसंद करते हैं। नेस्ले इंडिया कंपनी की मैगी खाना सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक बताया है।
मैगी को बनाने से पहले बस गर्म पानी में उबालना होता है, क्योंकि ये पहले से ही ट्रांस फैट में फ्राई हुई होती है। ट्रांस फैट सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक होती है। इसलिए जब भी हम मैगी खाते हैं, तो उससे हमें ट्रांस फैट के साइड इफेक्ट्स सेहत पर पड़ते हैं।
मैगी आटे के साथ-साथ मैदा से भी बनी होती है जिसकी वजह से ये हमारे पेट की आंतों में चिपक जाती है और पाचन तंत्र को बहुत नुकसान पहुंचाती हैं। इसलिए इसका सेवन लगातार नहीं करना चाहिए।
मैगी में पाए जाने वाला सीसा (लैड) के सेवन करने से शरीर की प्रजनन क्षमता पर बुरा असर पड़ता। अगर मैगी को लगातार खाया जाता है, तो ऐसे में धीरे-धीरे प्रजनन क्षमता बेहद कम हो जाती है।
मैगी में मौजूद लेड यानि सीसा के ज्यादा सेवन करने से शरीर में कैंसर और किडनी के खराब होने जैसी गंभीर बीमारी भी हो सकती है।
अगर आप भी रोजाना या सप्ताह में 2-3 बार मैगी खाते हैं। मैदा से बने होने के कारण मैगी का अधिक सेवन से यह आंत में चिपक जाती है जिससे कब्ज की समस्या तो ऐसे में आपको कब्ज और जोड़ों में दर्द होने की शिकायत हो सकती है।
आमतौर पर बच्चे मैगी खाना बेहद पसंद करते हैं। लेकिन ये खाने से शरीर में पेट, सिर और किडनी से जुड़ी बीमारियां होने की वजह से शारीरिक विकास रूक जाता है।
लगातार मैगी खाने की वजह से बच्चों में अक्सर भूख न लगने के साथ ही सिरदर्द की शिकायत होने लगती है।
मैगी आमतौर पर मैदा से बनाई जाती है। इसमें आटे और सब्जियों के पौषक तत्व बेहद ही कम मात्रा में डाले जाते हैं। जिसकी वजह से बच्चों को खाने वाले पौषक तत्व नहीं मिल पाते।
मैगी के ज्यादा सेवन करने से बच्चों के मानसिक विकास पर बेहद बुरा असर पड़ता है। ऐसे में अगर गर्भवती महिलाएं मैगी का सेवन करती हैं, तो इसमें पाए जाने वाले लेड की वजह से गर्भ में पल रहे शिशु के आईक्यू पर असर पड़ता है।