मेडिटेशन हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत जरुरी है। यह तनाव-चिंता, हाई-ब्लूडप्रेसर और गंभीर स्थितियों में हृदय रोग में भी काफी आराम पहुंचाता है। इसके रोजाना अभ्यास से आपकी सेहत में बहुत ही अच्छे बदलाव देखने को मिलेंगे। आज हम आपको पांच तरह के मेडिटेशन के बारे में बताएँगे।
इससे मन शांत रहता है, गुस्से पर नियंत्रण रहता है और निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि होती है। इसमें एक शांत जगह पर अपने सिर, गर्दन और पीठ को सीधा करके ध्यान में बैठें। आरामदायक, ढीले कपड़े पहनना भी सहायक होता है। इसे 5 मिनट से शुरू करें, 30 मिनट का ध्यान लाभकारी होता है।
यह माइंडफुल मेडिटेशन का ही एक तरीका है, जिसमें आप खुद ही अपने पूरे शरीर को चेक करते हैं। इसमें आप ध्यान करते हुए अपने शरीर या दिमाग के दर्द या तकलीफ वाले हिस्सों पर ध्यान देते हुए खुद से जुड़ाव करते हैं।
यह भी अन्य मेडिटेशन की तरह ही एक प्रक्रिया है लेकिन इसमें चलने के साथ साथ ध्यान लगाया जाता है। धीमी चाल में चलते हुए अपनी सांसों के साथ तालमेल बैठाया जाता है। इससे तनाव, अकेलापन और उदासी से राहत मिलती है।
यह मेडिटेशन निस्वार्थ प्रेम, दया और आत्म ज्ञान पर केंद्रित होता है। इस ध्यान के द्वारा खुद में सौम्यता, सद्भावना और सभी जीवित प्राणियों के प्रति कल्याण का भाव बढ़ाया जाता है। इसका अभ्यास से व्यक्ति में सकारात्मकता का विस्तार होता है।
ट्रांसेंडेंटल मेडिटेशन के लिए जरुरी है कि आप किसी शांत जगह पर एकांत चित होकर बैठें। अपनी मुट्ठी में कोई पुष्प ले इसके भगवन जिस भगवान में आपकी आस्था हो उन्हें दिमाग में रखकर मंत्र का उच्चारण करें। यह आपके सम्पूर्ण विकास के साथ शरीर के सभी दुखों में लाभदायक है।
यह स्ट्रेस को कम करता है, एंग्जायटी को कम करता है, यादाश्त को अच्छा करता है, ब्लड प्रेशर सामान्य रहता है। साथ ही कई तरह की लतों ने निकलने में भी मदद करता है। इससे आपकी नींद भी अच्छी होती है।
इसका कोई खास तय समय नहीं होता है। ध्यान करने से किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होता सिर्फ फायदा ही होता है। लेकिन कहा जाता है कि रोजाना सुबह और शाम कम से कंम 20 मिनट का ध्यान करना चाहिए तब आपको इसका फायदा मिलता है।