Rahul को Bollywood में क्यों चाहिए दलित आरक्षण?

Rahul Gandhi demands reservation in Bollywood as well as in Miss India Competition | What's Your Take On This?
Rahul को Bollywood में क्यों चाहिए दलित आरक्षण?
राहुल गांधी. मौजूदा दौर में भारतीय लोकतंत्र के सबसे बड़े विपक्षी नेता. आज कल ये लीग से हटकर कुछ ऐसी रिसर्च में लगे हुए हैं, जिसका ना तो कोई सिर है और ना ही कोई पैर है... और फिर जब लोग उन पर मीम्स बनाते हैं, तो कांग्रेसियों को गुस्सा आ जाता है. अरे भई, आखिर क्या ज़रूरत है पूर्व मिस इंडिया की लिस्ट खंगालने की? जी हां, इन दिनों राहुल गांधी, पूर्व मिस इंडिया की लिस्ट लिए बैठे हुए हैं. वैसे आप कुछ उल्टा सीधा मत सोचिएगा उनके बारे में, कैरेक्टर के राहुल गांधी बड़े खरे नेता हैं.वो कहते हैं न. A perfect bachelor. हां तो राहुल गांधी वाकई एक perfect bachelor हैं जिनसे शादी करने की तमन्ना ना जाने कितनी लड़कियां अपने दिल में दबाए हुए बैठी हैं.

दरअसल, पूर्व मिस इंडिया की लिस्ट खंगालने की राहुल गांधी की दूसरी वजह है. और वो वजह है जाति की.जाति यानी कास्ट. आपको मालूम ही है कि कास्ट को लेकर राहुल गांधी की सेंसटिविटी अक्सर देखने को मिल जाती है... तो इस बार उन्होंने मिस इंडिया में कास्ट एंगल को निकालकर एक नई कंट्रोवर्सी पैदा करने की कोशिश की है. असल में उन्हें कोई भी दलित, आदिवासी या ओबीसी वर्ग से ताल्लुक रखने वाली महिला मिस इंडिया का खिताब जीतते हुए नहीं मिली. वैसे उनकी गाड़ी यहीं नहीं रुकी... इसके बाद उनकी गाड़ी बॉलीवुड में घूमने लगी, और वो कह रहे हैं कि वहां कोई दलित, आदिवासी या ओबीसी नहीं है.यकीन नहीं आता तो लीजिए आप खुद ही सुन लीजिए.

प्लीज़ मेहरबानी करके राहुल गांधी की स्पीच लगा दें, आपकी अति कृपा होगी  सुन लिया न आपने. राहुल गांधी को अब मिस इंडिया में, बॉलीवुड में दलितों के लिए रिजर्वेशन चाहिए..कसम खाकर बता रही हूं मैं कि राहुल गांधी की ये बात अगर हमारे संविधान रचयिता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने भी सुनी होगी ना, तो उनकी आत्मा भी रो पड़ी होगी. वैसे अब जब राहुल गांधी ने एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में अपना जाति कार्ड खेला है तो आपको इसकी हकीकत बताना भी हमारे लिए ज़रूरी हो जाता है.

 हम आपको ये बताना चाहते हैं कि राहुल जी की रिसर्च कमजोर है. बॉलीवुड में ऐसे कई दिग्गज एक्टर्स हैं, जो इन जातियों से ताल्लुक रखते हैं.किसी बॉलीवुड कलाकारों की जाति के बारे में बताना तो किसी भी सूरत में सही नहीं है, फिर भी नाम लेना ही पड़ेगा वरना हमारी बात प्रूव कैसे होगी... टुनटुन का नाम आपने जरूर सुना होगा, उन्हें बॉलीवुड की पहली लेडी कॉमेडियन बताया जाता है... वह दलित परिवार से ताल्लुक रखती थीं, जो एक मशहूर सिंगर भी थीं और अपने गानों से लोगों को थिरकने पर भी मजबूर कर देती थीं. वो उत्तर प्रदेश के छोटे से गांव से नाता रखती थीं... वो बॉलीवुड में 5 दशकों तक एक्टिव रही थीं... जो कि अपने आप में एक बड़ा रिकॉर्ड है.

इनके अलावा बॉलीवुड के एक और कामयाब कॉमेडियन हैं, जॉनी लीवर, जिनका पूरा नाम है जॉन प्रकाशराव जानूमाला है. हिन्दुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड में काम करने के दौरान जॉन राव अपने कलीग्स का एंटरटेनमेंट मिमिक्री से किया करते थे... उनके कलीग्स उन्हें जॉनी लीवर नाम से पुकारने लगे... सिर्फ सेवंथ क्लास तक पढ़े जॉनी लीवर आंध्र प्रदेश के दलित ईसाई परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनकी Comedy बेजोड़ है, उन्हें कॉमेडी किंग तक कहा जाता है...

एक और नाम आजकल बहुत चर्चा में है... चिराग पासवान... उन्हें सबसे हैंडसम इंडियन पॉलीटिशियन के तौर पर देखा जाता है... लेकिन क्या आपको मालूम है कि सियासत में कदम रखने से पहले उन्होंने बॉलीवुड का ही रुख किया था... कई फिल्मों में उन्होंने काम किया था, लेकिन फिर अपने फादर रामविलास पासवान की पॉलीटिकल विरासत को उन्हें ही कंटिन्यू करना था लिहाज़ा, उन्होंने बॉलीवुड छोड़ दिया... 

खैर, इनके अलावा और भी कई बड़े नाम है जो हम नहीं लेना चाहते क्योंकि हम समझते हैं कि एक कलाकार को उसकी जाति से आंका जाए, ये सही नहीं है... आपने एक कहावत सुनी होगी... जात ना पूछो साधु की, पूछ लीजिए ज्ञान... हम उम्मीद करते हैं कि इस कहावत की अहमियत को राहुल गांधी समझें और आईंदा इस किस्म के बेतुके मुद्दे लेकर मत बैठें

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