लोग सुंदरता के लिए तो कान छिदवाते ही हैं लेकिन भारतीय संस्कृति में कान छिदवाना एक जरुरी परंपरा है। लड़कियों के तो कान छिदवाये जाते ही हैं लेकिन कहीं-कहीं लड़कों का एक या दोनों कान छिदवाने की परंपरा होती है।
आयुर्वेद के अनुसार कान छिदवाने से रिप्रोडक्टिव ऑर्गन हेल्दी रहता है, इम्यून सिस्टम मजबूत रहता है। आज हम आपको आयुर्वेद के अनुसार कान छिदवाने के कुछ फायदे बताएँगे।
कान छिदवाने से आंखों की रोशनी तेज होती है। बताया जाता है कि कान के नीचे वाले हिस्से में एक प्वॉइंट होता है जिसके पास से आंखों की नसे गुजरती हैं और जब कान के इस प्वॉइंट को छिदवाते हैं तो आंखों की रोशनी तेज होने में मदद मिलती है।
ऐसा कहा जाता है कि कान छिदवाने से शरीर का वो प्वॉइंट खुल जाता है जोकि डाइजेस्टिव सिस्टम को बेहतर बनाने में मदद करता है। इससे मोटापे के चांसेज भी कम हो जाते हैं।
एक्यूप्रेशर एक्सपर्ट कहते हैं कि कान के नीचे वाले हिस्से पर मास्टर सेंसोरल और मास्टर सेरेब्रल नाम के 2 इयर लोब्स होते हैं। इस हिस्सों के छिदने पर बहरापन दूर करने में सहायता मिल सकती है।
बताया जाता है कि कान छेड़ने का सीधा संबंध महिलाओं के प्रजनन अंगों से होता है। इससे मासिकधर्म में होने वाली अनियमितता की समस्या में आराम मिलता है।
कान छिदवाने से व्यक्तित्व में निखार आता है। इससे आखों की रौशनी तेज होती है साथ ही कान के निचले हिस्से में दबाव पड़ने से तनाव में भी कमी आती है।
वास्तु के अनुसार कान छिदवाने से राहु-केतु के दुष्प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है।