योगी आदित्यनाथ का हलाल एक्शन

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भारत में हलाल सर्टिफिकेशन देने के भारत सरकार की कोई संस्था नही
इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार जो वस्तु उपयोग की अनुमति देती हैं उसे हलाल कहते है। फिलहाल हलाल सर्टिफिकेट अभी तक सिर्फ़ मीट उत्पाद पर होता था। भारत में हलाल सर्टिफिकेशन देने के लिए भारत सरकार की कोई संस्था नही है। निजी स्तर पर कुछ इस्लामिक संस्था हलाल सर्टिफिकेट जारी करती हैं। ये संस्था है हलाल इण्डिया प्राइवेट चेन्नई, जमीयत उलेमा हिंद हलाल ट्रस्ट दिल्ली, हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया। ये संस्थाएं भारत से बाहर इस्लामिक देश में जाने वाले मांस को हलाल सर्टिफिकेट देते है।
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इस्लामिक संस्था भारत के संविधान की धज्जियां उड़ा रही
विवाद शुरू ऐसे होती है जब मांस के अतिरिक्त डेयरी उत्पाद, कॉस्मेटिक, टूथ ब्रश, टूथ पेस्ट, तेल अन्य उत्पाद जो भारत में बिक रहे है उस पर भी हलाल सर्टिफिकेट दे रहे है। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विभोर आनंद का कहना है कि हलाल सर्टिफिकेट भारत में हिन्दू मुस्लिम को बांटने का काम करता है वहीं भारत में 85% हिंदू जनता के मानवाधिकार का उलंघन है। साथ ही वो ये भी कहते है भारत की सरकार कोई सर्टिफिकेट जारी नही करती है जिस से ये तय की ये इस्लामिक संस्था भारत के संविधान की धज्जियां उड़ा रही है।
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सरकार हलाल सर्टिफिकेट जारी करने पर प्रतिबंध लगा सकती है
लेकिन बात ये है कि क्या सरकार हलाल सर्टिफिकेट जारी करने पर प्रतिबंध लगा सकती है? जी नहीं क्यों कि भारत के 20बड़े मांस निर्यातक के 18 गैर इस्लामिक है। और इनको अगर अपना मांस इस्लामिक देश में भेजना है तो इन संस्थाओं से सर्टिफिकेट लेना होगा निजी संस्थाओं को यूएई, कतर ने सर्टिफिकेशन का अधिकार दिया है। हर साल लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपए के हलाल मांस निर्यातक किया जाता है |