माँ सोशल मीडिया पर है मगर घरों में नहीं... मदर डे स्पेशल
Sun, 14 May 2017
(मदर्स डे स्पेशल)
डेस्क (सिद्दीका रिज़वी): 14 मई का दिन हर माँ के लिए सबसे खास दिन बन जाता है और वो भी तब जब इस माँ के लिए साल में एक बार भी छुट्टी नहीं होती. आज के इस अवसर पर सभी लोग सोशल मीडिया पर और घरों में माँ के प्यार और माँ के सब्र को बहुत ही अहमियत दे रहें हैं. कोई घरों में माँ के लिए सेलिब्रेट कर रहा हैं तो उनके लिए सरप्राइज प्लान कर रहा है. हर कोई अपनी माँ को आज स्पेशल फील करने के लिए कुछ ना कुछ करने की सोच रहा है. करे भी क्यों ना माँ होती ही है इतनी स्पेशल.
पुरे साल एक यही तो दिन आता है जब हर बच्चे को एहसास होता है कि माँ क्या है. लेकिन वहीँ कुछ लोगों का मानना है कि सोशल मीडिया पर माँ के प्रति जो प्यार हम प्रकट कर रहें है वो सब महज एक दिखावा ही . एक बार मान भी लिया जाए की ये सब एक दिखावा है. इस दिखावे के ज़रिये ही सही कम से कम उन लोगों को ये तो समझ आएगा जो माँ की एहमियत को नहीं समझते, माँ के प्यार को नहीं समझते, कम से कम वो लोग सोशल मीडिया पर दिखावे वाले प्यार को देखकर ही अपने माँ के प्रति कुछ तो एहसास हुआ होगा शायद इस दिखावे वाले प्यार में ही उन्हें अपनी माँ का सच्चा प्यार तो नज़र आएगा.
शायद इस दिखावे वाले प्यार में ही कुछ ऐसा लिखा हो जो उन्हें ये अहसास दिला दे कि माँ वो शख्सियत जो कभी भी अपने बच्चे का बुरा नहीं सोचती. वो जो भी करती हमेशा अपने बच्चे की भलाई के बारें में ही करती है. वो साथ रहकर भी साथ देती है और न होकर भी हरपाल अपने बच्चे के साथ रहती है क्यूंकि उसका रिश्ता अपने बच्चो से उस वक्त हो जाता है जब वो माँ के गर्भ में सिर्फ अपने होने का एहसास दिला देता है. माँ का रिश्ता बच्चो से ऐसा है जैसे रूह का जिस्म से.
शायद इसिलिय कहा जाता है-- "जन्मों का रिशता नहीं होता है माँ से,
रूह का एहसास रिश्ता बना देता है माँ से".
