Cross-leg बैठने से आपकी सेहत पर होतें हैं ये बुरे असर

Cross-leg बैठने से आपकी सेहत पर होतें हैं ये बुरे असर

चिकित्‍सा समुदाय इस बात पर विभाजित है कि पैर Cross कर के बैठना वैरिकाज़ नसों का कारण बनती है या नहीं।

डेस्क-अक्सर हम और आप कहीं बैठते हैं तो अपने पैरों को एक के ऊपर एक Cross कर के बैठते है खासकर महिलाऐं ऐसा करती हैंक्योकि इस तरह बैठना स्त्री संस्कृति से जोड़ा जाता है।

Cross-leg बैठने के हानिकारक प्रभाव

जबकि इसके कई हानिकारक प्रभाव हैं। हालांकि ऐसा करने से उनको लगता है कि वे स्टाइल और आराम से बैठे है, लेकिन ये पोजिशन सही नहीं है। पैरों को Cross करके बैठने से पेरोनोल नर्व पर दबाव पड़ता है साथ ही पैरों की नस पर प्रेशर पड़ता है, जिससे मांसपेशियां अकड़ने लगती है और अस्थायी पैरालिसिस होने की आशंका रहती है। पैरों के अलावा गर्दन और बैक पर भी इसका असर होता है।

पैरों को Cross करके बैठने से हो सकती हैं ये खतरनाक बीमारियां

वैरिकोज वेन्स

  • वैरिकोज वेन्स बढ़ी हुई हुई नसें होती हैं। कोई भी नसें वैरिकोज वेन्स हो सकती हैं, लेकिन सबसे अधिक प्रभावित नसें आपके पैरों और पैरों के पंजों में होती हैं।
  • इसका कारण यह है कि खड़े होने और घूमने से आपके निचले शरीर की नसों में दबाव बढ़ जाता है।
  • वैरिकोज वेन्स आमतौर पर त्वचा की सतह के नीचे उभरती हुई नीली नसें दिखती हैं।
  • कभी-कभी यह गंभीर समस्याओं का रूप ले लेती है।
  • चिकित्‍सा समुदाय इस बात पर विभाजित है कि पैर क्रॉस कर के बैठना वैरिकाज़ नसों का कारण बनती है या नहीं।
  • शिरापरक रोगों में माहिर डॉ मैडियून का कहना है क्रॉस-पैर मौजूदा वैरिकाज़ नसों को खराब करना प्रतीत होता है।
  • उनका कहना है कि दूसरे के शीर्ष पर बैठे एक पैर का दबाव रक्त प्रवाह में बाधा डालता है।
  • यह रक्त वाहिकाओं को टूटने का कारण बन सकता है

मांसपेशियां सुन्न हो जाती हैं

  • पैरों को पार करना आपके घुटने के पीछे परोनियल तंत्रिका पर दबाव डालता है जो निचले पैरों और पैरों को उत्तेजना प्रदान करता है।
  • यदि आप लंबे समय तक उस मुद्रा में रहते हैं, तो पैर या पैर सुस्त हो सकते हैं।
  • यह दर्द देता है जैसे कोई आपकी मांसपेशियों को पिन या सुई दे रहा है।
  • यदि ऐसा होता है, नसों में परिसंचरण बढ़ाने के लिए सुस्त मांसपेशियों को मालिश करें।

अस्थायी पैरालिसिस

  • जब आप अपने पैरों को काफी लंबे समय तक क्रॉस कर के बैठते हैं। तो यह एक स्थिति का कारण बन सकता है, जिसे पेरोनेल नर्व पाल्सी कहा जाता है।
  • इसके परिणामस्वरूप पैर ड्रॉप होता है।
  • इस स्थिति के दौरान, आप पैर की उंगलियों को ठीक से उठाने में असमर्थ हो जाते हैं।
  • दक्षिण कोरिया के एक अध्ययन में, कई रोगियों की जांच की गई।
  • घंटों तक पैर के ऊपर पैर रखकर बैठने वाले अस्‍थाई पैरालिसिस की समस्‍या से ग्रसित पाए गए।

रक्तचाप का बढ़ना

  • आपने देखा होगा कि जब कोई डॉक्टर आपके रक्तचाप की जांच करता है, तो वह आपको बिना पैरों और बाहों के फ्लैटों के साथ बैठने के लिए कहता है।
  • ऐसा इसलिए है क्योंकि एक आरामदायक मुद्रा रक्तचाप को सामान्य स्तर पर ला सकती है और इसे ठीक से जांचने में मदद करती है।

गर्दन और पीठ दर्द

  • इस तरह बैठने से पेल्विक बोन में से एक का रोटेशन प्रभावित होता है।
  • यह बोन रीढ़ की हड्डी का आधार है,इस पर दबाव पड़ने से गर्दन और पीठ के निचले हिस्से पर भी दवाब पड़ने लगता है।
  • आपको भी इसी तरह की कोई दिक्कत है तो ध्यान दें कि कहीं इसके पीछे की वजह गलत तरीके से बैठना तो नहीं।

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