जानिए कैसा रहेगा राहु केतु का राशि परिवर्तन आपके लिए
कुंडली में राहु मजबूत स्थिति में है तो यह व्यक्ति को जीवन में मान-सम्मान और राजनीतिक सफलताएं प्रदान करता है।
डेस्क- राहु-केतु को बेहद रहस्यमय ग्रह माना गया है। ये अपना क्या प्रभाव छोड़ेंगे, इस बात का अंदाजा लगाना बेहद मुश्किल होता है। ज्योतिर्विद पण्डित दयानन्द शास्त्री का कहना है कि राहु और केतु दो ऐसे ग्रह हैं जो किसी भी राशि में 18 माह तक रुकते हैं।
इनका राशि परिवर्तन तेजी से नहीं होता और न ही ये बहुत ज्यादा गतिशील हैं। राहु-केतु के राशि परिवर्तन का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ता है। राहु खगोलीय दृष्टि से कोई ग्रह भले न हो लेकिन ज्योतिष में राहू का बहुत अधिक महत्व है। राहु के साथ केतु का भी नाम लिया जाता है क्योंकि दोनों एक दूसरे के विपरीत बिंदुओं पर समान गति से गोचर करते हैं। राहु को जन्म से ही वक्री ग्रह माना जाता है।
छाया ग्रह माना जाता है
- इस महीने राहु और केतु का राशि परिवर्तन होने वाला है।
- इस वर्ष राहु-केतु का 18 अगस्त 2018 को राशि परिवर्तन हो रहा है।
- राहु कर्क में और केतु मकर राशि में 7 मार्च 2019 तक रहेंगे।
- कर्क राहु के शत्रु चंद्रमा की राशि है।
- मकर केतु के मित्र शनि की राशि है।
- राहु और केतु को ज्योतिष में छाया ग्रह माना जाता है।
- ये लगभग 18 महीने में राशि में बदलते हैं। ये दोनों ग्रह हमेशा वक्री रहते हैं यानी उल्टे चलते हैं।
- राहु-केतु का राशि परिवर्तन -वृष, कन्या, वृश्चिक, कुंभ और मीन वालों के लिए शुभ रहेगा।
जानिए कैसे मनाएं आज दूर्वा गणपति व्रत
राहु के प्रभाव
- वहीं मेष, मिथुन, कर्क, सिंह, तुला, धनु और मकर राशि वाले लोगों की परेशानियां बढ़ सकती हैं।
- पिछले वर्ष 18 अगस्त 2017 को केतु अपना राशि परिवर्तन कर 23 महीनों के लिए मकर राशि में आया है।
- यानि कि साल 2018 ही नहीं बल्कि 2019 में भी यह गोचर सभी राशियों को बड़े स्तर पर प्रभावित करेगा।
- वेदिक ज्योतिष में राहु-केतु छाया ग्रह के रूप स्थित है। यह एक क्रूर ग्रह है।
- पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि राहु व्यक्ति के स्वाभाविक सोच में परिवर्तन कर देता है।
- यह व्यक्ति के मन तथा बुद्धि को भ्रमित करने वाला ग्रह है। राहु के प्रभाव से मनुष्य के जीवन में रहस्यमयी और अप्रत्याशित परिवर्तन होते हैं।
- यह ग्रह जीवन यात्रा में अकस्मात ऐसा परिवर्तन लाता है कि व्यक्ति कभी सोचा भी नहीं होगा।
- राहु व्यक्ति के जीवन में सुखद और दुखद दोनों घटना को अंजाम देने में सक्षम होता है।
- किन्तु यह सब जातक की जन्मकुंडली में राहु किस स्थान पर बैठा है तथा किस स्थिति में है उस पर निर्भर करता है।
- राहु को अनैतिक कृत्यों का कारक भी माना जाता है। शनि के बाद राहु-केतु ऐसे ग्रह हैं जो एक राशि में लंबे समय लगभग 18 महीने तक रहते हैं।
- ऐसे में राहु का राशि परिवर्तन करना एक बड़ी ज्योतिषीय घटना मानी जाती है राहु का शुभ सूर्य के साथ अथवा सूर्य के नक्षत्र में होना राजयोग जैसा फल देता है।
साल 2018 में राहु ग्रह कर्क राशि में होगा
- यदि कुंडली में राहु मजबूत स्थिति में है तो यह व्यक्ति को जीवन में मान-सम्मान और राजनीतिक सफलताएं प्रदान करता है।
- इसके विपरीत यदि कुंडली में राहु की स्थिति प्रतिकूल है तो यह अनेक प्रकार की शारीरिक व्याधियां पैदा करता है।
- इसे कार्य सिद्धि में बाधाएं उत्पन्न करने वाला तथा दुर्घटनाओं का जनक माना जाता है।
- इसके अतिरिक्त राहु मानसिक तनाव, धन हानि और झूठ बोलने आदि का कारक भी होता है।
- यह रातों रात आपको फ़र्श से अर्श तक पहुँचा सकता है और यदि परिस्थितियों विपरीत हुईं तो यह आपको अर्श से फ़र्श तक भी ला सकता है।
- राजनीति से जुड़ें जातकों के लिए राहु ग्रह की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
- साल 2018 में राहु ग्रह कर्क राशि में स्थित रहेगा और फिर 07 मार्च 2019 (गुरुवार) को यह 02:48 बजे यहाँ से मिथुन राशि में गोचर करेगा|
Dandruff से हैं परेशान तो अपनाएं ये 7 टिप्स