22 अगस्त को Putrada Ekadashi के दिन बन रहा है शुभ संयोग
Putrada Ekadashi व्रत को श्रद्धा पूर्वक करने से संतान प्राप्ति की कामना पूरी हो जाती है |
डेस्क- दिनांक 22 अगस्त 2018 दिन बुधवार को श्रावण Putrada Ekadashi है। श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी भी कहते हैं।
पुत्र प्राप्ति के लिए यह बहुत पुण्यदायी व्रत माना जाता है।इस व्रत का अनंत फल है। इस व्रत को श्रद्धा पूर्वक करने से संतान प्राप्ति की कामना पूरी होती है।यदि आपके पास संतान है तो भी इस व्रत को रखने से संतान योग्य होती है और शिक्षा तथा प्रतियोगिता में सफलता की प्राप्ति करती है।
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आइये व्रत को रखने की विधि, कथा और महत्व के बारे में जाने
इस विधि से रखें व्रत
- जो लोग एकादशी पर व्रत रख रहे हों, वे ब्रम्ह मुहूर्त में उठकर स्नान करके नए वस्त्र पहन ले ।
- भगवान विष्णु की मूर्ति के सम्मुख बैठ कर और देशी घी का दीपक जलकर रखे |
- साथ ही पीले फुल और तुलसी भी साथ में रखें।
- फिर व्रत कथा पढ़ें।
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पुत्रदा एकादशी कथा इस प्रकार है
द्वापर युग में राजा महीजित बहुत धर्मप्रिय और विद्वान राजा था। उसमें एक ही कमी थी कि वह संतान विहीन था। यह कथा उसने अपने गुरु लोमेश जी को बतायी। लोमेश ने राजा के पूर्व जन्म की बात बताए। उन्होनें कुछ ऐसे बड़े पाप पूर्व जन्म में किये थे जिसके कारण उनको इस जन्म में संतानका सुख नहीं हुई।लोमेश गुरु जी ने कहा कि यदि वो श्रावण मास की पुत्रदा एकादशी का व्रत रहे तो उसको पुत्र की प्राप्ति हो जाएगी। राजा ने कुछ वर्षों तक इस व्रत को लगातार रखा और उनको सुंदर पुत्र की प्राप्ति हुई। यह कथा पद्मपुराण में आती है।इस प्रकार जो भी श्रद्धा पूर्वक इस व्रत को रखता है उसको सुंदर पुत्र की प्राप्ति होती है। इस दिन श्री विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ अवश्य करें।
पारण का मुहूर्त
- दिनांक 23 को प्रातः 05 बजकर 55 मिनट से 08 बजकर 30 मिनट तक
- एकादशी में रात जागरण करें।
- द्वादशी को पारण करें और फिर दान करें।
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