भाई के लिए शुभ और लाभदायक होती है इन चीजों से बनी राखी

भाई के लिए शुभ और लाभदायक होती है इन चीजों से बनी राखी

इस बार रक्षाबंधन पर राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 11 घंटे 26 मिनट का है।

डेस्क-अपने प्यारे भाई के लिए बहनें रेशम डोर से लेकर सोने, चांदी, डायमंड और स्टाइलिश राखी खरीदती हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि भाई के लिए एक विशेष प्रकार की राखी बनाई भाइयों के लिए शुभ मानी जाती है |

रक्षाबंधन का शुभ पर्व हर भाई और बहन के लिए बेहद खास होता है। इस साल यह पर्व 26 अगस्त 2018 दिन रविवार को मनाया जाएगा।

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  • इस वैदिक राखी कहा जाता है और इसे बनाने के लिए एकत्र हर सामग्री का खास महत्व होता है।
  • रक्षा बंधन का पर्व वैदिक विधि से बनी राखी से मनाना श्रेष्ठ माना गया है।
  • इस विधि से तैयार राखी बांधने पर भाई का जीवन सुखमय और शुभ बनता है।
  • शास्त्रानुसार इसके लिए पांच वस्तुओं का विशेष महत्व होता है, जिनसे रक्षासूत्र का निर्माण किया जाता है।
  • इनमें दूर्वा (घास), अक्षत (चावल), केसर, चन्दन और सरसों के दाने शामिल हैं।
  • इन 5 वस्तुओं को रेशम के कपड़े में बांध दें या सिलाई कर दें, फिर उसे कलावे में पिरो दें।
  • इस प्रकार वैदिक राखी तैयार हो जाएगी।

आइये जानते है कैसे करें तैयार यह राखी

  • सबसे पहले पीले, केरिया या लाल रंग का रेशमी कपड़ा लें।
  • सबसे पहले उसमें 5, 11 या 21 चावल के दाने बांधें। फिर 11 या 21 दाने राई के बांधें।
  • फिर केसर के 7 धागे, दूर्वा की 5 महीन पत्तियां और चंदन के 3 बारीक छिलके या एक चुटकी चंदन का चूर्ण इन सबको अलग-अलग एक ही कपड़े में बांध दीजिए।

क्या है इन 5 वस्तुओं का महत्त्व

दूर्वा (घास)

  • जिस प्रकार दूर्वा का एक अंकुर बो देने पर तेजी से फैलता है और हजारों की संख्या में उग जाता है।
  • उसी प्रकार रक्षा बंधन पर भी कामना की जाती है कि भाई का वंश और उसमें सदगुणों का विकास तेजी से हो।
  • दूर्वा विघ्नहर्ता गणेश जी को प्रिय है अर्थात हम जिसे राखी बांध रहे हैं, उनके जीवन में श्री गणेश की कृपा से विघ्नों का नाश हो जाए।

अक्षत (चावल)

  • हमारी परस्पर एक दूजे के प्रति श्रद्धा कभी क्षत-विक्षत ना हो सदा अक्षत रहे। य ह रिश्ता अखंड बना रहे।
  • चावल यूं भी सभी पवित्र चीजों में सबसे ज्यादा पावन माने गए हैं।
  • यह स्वस्ति मंगल की कामना के लिए एक दूजे पर बरसाए जाते हैं।

केसर

  • केसर की प्रकृति तेज होती है अर्थात हम जिसे राखी बांध रहे हैं, वह तेजस्वी हो। उनके जीवन में आध्यात्मिकता का तेज, भक्ति का तेज कभी कम ना हो।
  • केशर प्रसन्नता, संपन्नता, ऐश्वर्य, सौभाग्य और वैभव का प्रतीक मानी गई है।

चंदन

  • जीवन में सुकून ही सबसे बड़ी दौलत है।
  • बहन इसके माध्यम से कामना करती है कि मेरे भाई, भाभी, भतीजे, भतीजी के जीवन में शांति और सुकून बना रहे। उनके पराक्रम की सुगंध चारों तरफ फैले।

क्या है Raksha Bandhan बांधने का शुभ मुहूर्त
सरसों के दाने -

  • सरसों की प्रकृति तीक्ष्ण होती है अर्थात इससे यह संकेत मिलता है कि समाज के दुर्गुणों को, कंटकों को समाप्त करने में हम तीक्ष्ण बनें।
  • सरसो के दाने भाई और परिवार की नजर उतारने और बुरी नजर से भाई व परिवार को बचाने के लिए भी प्रयोग में लाए जाते हैं।

इस प्रकार इन पांच वस्तुओं से बनी हुई एक राखी को सर्वप्रथम भगवान के चित्र पर अर्पित करें। फिर बहनें अपने भाई को, माता अपने बच्चों को, दादी अपने पोते को शुभ संकल्प करके बांधें। इस प्रकार जो इन 5 वस्तुओं से बनी हुई वैदिक राखी को शास्त्रोक्त नियमानुसार बांधते हैं, वह पुत्र-पौत्र एवं बंधुजनों सहित वर्षभर सुखी रहते हैं।

राखी बांधते समय बहन बोलें यह मंत्र

येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वां अभिबद्धनामि रक्षे मा चल मा चल।।

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