Sharad Purnima 2018: शरद पूर्णिमा दमा रोगियों के लिए है एक वरदान

Sharad Purnima 2018: शरद पूर्णिमा दमा रोगियों के लिए है एक वरदान

डेस्क-जानकारों के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात दमा रोगियों के लिए वरदान बनकर आती है। इस रात्रि में दिव्य औषधि को खीर में मिलाकर उसे चांदनी रात में रखकर प्रात: 4 बजे सेवन किया जाता है। रोगी को रात्रि जागरण करना पड़ता है और औषधि सेवन के बाद 2-3 किमी पैदल चलना लाभदायक रहता है।

शरद पूर्णिमा पर ऐसे करें पूजा

आश्विन मास की पूर्णिमा वर्षभर में आनेवाली सभी पूर्णिमा से श्रेष्ठ मानी गई है। शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा का पूजन करना लाभदायी रहता है। आइए जानते हैं शरद पूर्णिमा के दिन क्या करें...

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1. शरद पूर्णिमा को प्रात: काल ब्रह्ममुहूर्त में सोकर उठें।

2. इसके बाद नित्यकर्म से निवृत्त होकर स्नान करें।

3. स्वयं स्वच्छ वस्त्र धारण कर अपने आराध्य देव को स्नान कराकर उन्हें सुंदर वस्त्राभूषणों से सुशोभित करें।

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4. इसके बाद उन्हें आसन दें।

5. अंब, आचमन, वस्त्र, गंध, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, ताम्बूल, सुपारी, दक्षिणा आदि से अपने आराध्य देव का पूजन करें।

6. इसके साथ गोदुग्ध से बनी खीर में घी तथा शकर मिलाकर पूरियों की रसोई सहित अर्द्धरात्रि के समय भगवान का भोग लगाएं।

7. इसके बाद व्रत कथा सुनें। इसके लिए एक लोटे में जल तथा गिलास में गेहूं, पत्ते के दोने में रोली तथा चावल रखकर कलश की वंदना करके दक्षिणा चढ़ाएं।

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