पांच तत्वों का महत्व

पांच तत्वों का महत्व

डेस्क-यदि यह संतुलन बिगड़ गया तो यह प्रलयकारी हो सकता है. जैसे यदि प्राकृतिक रुप से जलतत्व की मात्रा अधिक हो जाती है तो पृथ्वी पर चारों ओर जल ही जल हो सकता है अथवा बाढ़ आदि का प्रकोप अत्यधिक हो सकता है. आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी को पंचतत्व का नाम दिया गया है।

माना जाता है कि मानव शरीर भी इन्हीं पंचतत्वों से मिलकर बना है।

इसे भी पढ़े -इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर राहुल गांधी, सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने श्रद्धांजलि दी

इसे भी पढ़े-Team India ने World Cup 2015 के बाद नंबर 4 के लिए अजमाए गए 11 खिलाडी

  • वास्तविकता में यह पंचतत्व मानव की पांच इन्द्रियों से संबंधित है
  • जीभ, नाक, कान, त्वचा और आँखें हमारी पांच इन्द्रियों का काम करती है
  • इन पंचतत्वों को पंचमहाभूत भी कहा गया है
  • इन पांचो तत्वों के स्वामी ग्रह, कारकत्व, अधिकार क्षेत्र आदि भी निर्धारित किए गये हैं

Share this story