mahamrityunjay mantra ke fayde महामृत्युंजय मंत्र पढ़ने से होते हैं ये 5 बड़े चमत्कारी फायदे जानिए
महामृत्युंजय मंत्र क्या है ?
महामृत्युंजय मंत्र- ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
महामृत्युजंय मंत्र का जप करने से शुभ फल ?
1. दीर्घायु : जिस भी मनुष्य को लंबी उम्र पाने की इच्छा हो, उसे नियमित रूप से महामृत्युजंय मंत्र का जप करना चाहिए। इस मंत्र के प्रभाव से मनुष्य का अकाल मृत्यु का भय खत्म हो जाता है। यह मंत्र भगवान शिव को बहुत प्रिय है, इसका का जप करने वाले को लंबी उम्र मिलती है।
2. आरोग्य प्राप्ति : यह मंत्र मनुष्य न सिर्फ निर्भय बनता है बल्कि उसकी बीमारियों का भी नाश करता है। भगवान शिव को मृत्यु का देवता भी कहा जाता है। इस मंत्र के जप से रोगों का नाश होता है और मनुष्य निरोगी बनता है।
3. सम्पत्ति की प्राप्ति : जिस भी व्यक्ति को धन-सम्पत्ति पाने की इच्छा हो, उसे महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करना चाहिए। इस मंत्र के पाठ से भगवान शिव हमेशा प्रसन्न रहते हैं और मनुष्य को कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती है।
4. यश की प्राप्ति : इस मंत्र का जप करने से मनुष्य को समाज में उच्च स्थान प्राप्त होता है। सम्मान की चाह रखने वाले मनुष्य को प्रतिदिन महामृत्युजंय मंत्र का जप करना चाहिए
5. संतान की प्राप्ति : महामृत्युजंय मंत्र का जप करने से भगवान शिव की कृपा हमेशा बनी रहती है और हर मनोकामना पूरी होती है। इस मंत्र का रोज जाप करने पर संतान की प्राप्ति होती है।
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महामृत्युंजय मंत्र जपने से क्या लाभ होता है?
महामृत्युंजय मंत्र "ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।" का जाप कई लोग करते हैं और उन्हें इससे अनेक प्रकार के लाभ मिलते हैं। यह हिंदू धर्म में माना जाता है कि इस मंत्र का जाप करने से मन, शरीर और आत्मा को शक्ति और सुख की प्राप्ति होती है। कुछ लोग इसे रोग निवारण, शांति, सुख और लंबी आयु के लिए भी जपते हैं।
मान्यता है कि इस मंत्र का जाप करने से मृत्यु का भय कम होता है और जीवन में स्थिरता आती है। यह शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। ध्यान और मन को शांति प्राप्त करने में भी इसका प्रभाव होता है।यह मंत्र उन्हें भी प्रेरित करता है जो आध्यात्मिक साधना में रुचि रखते हैं और अपने जीवन को संतुलित बनाने की चाह रखते हैं। इसे नियमित रूप से जपने से व्यक्ति का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य सुधर सकता है।
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महामृत्युंजय मंत्र कब सिद्ध होता है?
मंत्रों का सिद्ध होना व्यक्ति की श्रद्धा, निष्ठा, और नियमित जाप के माध्यम से होता है। महामृत्युंजय मंत्र को सिद्ध करने के लिए व्यक्ति को इसे नियमित और निष्ठापूर्वक जपना चाहिए। अनुष्ठान के दौरान, सावधानी से मंत्र का उच्चारण करना चाहिए, ताकि इसकी शक्ति और प्रभाव व्यक्ति के जीवन में समृद्धि लाए।
कई लोग मंत्र के सिद्ध होने की अवधि को लेकर अलग-अलग मान्यताएं रखते हैं। मंत्र का सिद्ध होना एकाग्र मन से नियमित जप के बाद होता है। यह किसी निश्चित अवधि पर नहीं निर्भर करता। जितनी अधिक श्रद्धा और निष्ठा से मंत्र का जप किया जाता है, उतनी ही शीघ्रता से मंत्र का सिद्ध होना संभव होता है।