और इस तरह बन गए त्रिवेणी के वरुण तिवारी लोगों के लिए प्रेरणा
Sun, 17 Jan 2016
नई दिल्ली-कुछ लोगों का संघर्ष दूसरे लोगों के लिए प्रेरणा बन जाता है और यही हुआ वरुण कुमार तिवारी के साथ जिन्होंने त्रिवेणी आलमारी के नाम से कारोबार कर के जहाँ सोहरत पायी वहीँ अब प्रधान मंत्री नावन्द्र मोदी के स्वच्छता मिशन से प्रभावित होकर फाइबर के टॉयलेट बनाने लगे हैं जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में और सार्वजनिक क्षेत्रों में लोगों को जो खुले में शौच जाना पड़ता है इस समस्या का निदान हो पायेगा श्री तिवारी की हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से उनकी नौकरी चली जाने के बाद में वेल्डिंग का काम करने लगे और आज 2016 में उसका कारोबार 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का है। तिवारी कई लोगों के प्रेरणा स्रोत भी बन चुके हैं। लगभग 26 साल पहले उन्होंने 16 हजार के लोन लेकर स्टील अल्मारी बनाने का कारोबार शुरु किया था। चित्रकूट के मानिकपुर के रहने वाले वरुण ने 1984 में बांदा से वेल्डिंग ट्रेड में आईटीआई प्रशिक्षण पूरा किया था। उसके बाद उनका सिलेक्शन लखनऊ के एचएएल में अप्रेंटिस के लिए हो गया। उन्होंने जमकर मेहनत की और 1986 में उन्हें ऑल इंडिया स्किल कंपीटीशन में सिल्वर मेडल भी मिला। एचएएल में उन्होंने तकरीबन तीन साल काम किया। सब ठीकठाक चल रहा था कि अचानक उनकी जिंदगी में संकट आ गया। वरुण बताते हैं कि उन दिनों देश में राजीव गांधी की सरकार थी और एचएएल में मैन पावर कम करने के लिए बड़ी संख्या में छंटनी कर दी गई। वरुण ने 2003 में इंदिरा नगर के अपने कारखाने में बनी अलमारियों को त्रिवेणी अल्मीरा ब्रांड नाम से बेचना शुरू किया। उन दिनों वे प्रति माह 15-20 अलमारी बेच लेते थे और उनका कारोबार सालाना महज 30,000 रु. के आसपास था। यह 2009 में त्रिवेणी अल्मीरा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में बदल गयी। उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार से बेस्ट बिजनेसमैन का अवॉर्ड मिला। वरुण ने 2014 में ग्रेटर नोएडा में भी व्यास इंडस्ट्रीज इंडिया लिमिटेड नाम से एक कारखाना शुरु किया। प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान से प्रभावित होकर उन्होंने नई शुरुआत के तहत प्लास्टिक के टॉयलेट भी बनाने शुरू कर दिए हैं। उनकी कोशिश है कि ग्रामीण इलाकों में खुले में शौच की परेशानी खत्म हो। 2014-15 में त्रिवेणी अल्मीरा का कारोबार 65 करोड़ रु. था, जो अब करीब 100 करोड़ रु. तक पहुंच गया है। कंपनी में करीब 500 कर्मचारी काम कर रहे हैं। आज कंपनी के पास 11 राज्यों के 500 शहरों में लगभग 11 सौ डीलर्स हैं। सोर्स 24
