Explained: Ray-Ban Company- दिवालिया होने की कगार से प्रीमियम कंपनी बनने तक का सफर

Explained: Ray-Ban Company- Journey from the verge of bankruptcy to becoming a premium company
Explained: Ray-Ban Company- दिवालिया होने की कगार से प्रीमियम कंपनी बनने तक का सफर
नमस्कार! मैं आमीना दाऊद स्वागत करती हूं आप सभी का आपकी खबर पर... आज हम फैशन के दौर में जी रहे हैं... और चश्मा यानी सन ग्लासेस युवाओं के फैशन स्टेटमेंट में ऐसा शुमार हुआ है कि बस पूछिए मत... खैर अब बात चश्मे पर चली है तो भला Ray Ban का जिक्र कैसे नहीं आएगा... Ray Ban काफी नामी ब्रांड है  इस बांड के चश्में काफी अच्छे होते हैं... आज के समय में इस ब्रांड का चश्मा पहनना सभी पसंद करते हैं जिस तरह Royal Enfield बाइक्स सिर्फ आर्मी के लिए, Old Monk रम ब्रिगेडियर फौजियों के लिए बनाई जाती थी, ठीक वैसे ही Ray Ban Sunglasses भी फाइटर पायलट के लिए ही बनाए जाते थे मगर आज Ray.Ban हर नौजवान की पहली पसंद है और जो इसे अफोर्ड नहीं कर पाते वो Ray-Ban First Copy तो खरीद ही लेते हैं |

Tom Cruise ने नीलाम होने वाली कंपनी को कैसे बचाया?

आज ये कंपनी अरबों डॉलर की कंपनी है लेकिन क्या आपको मालूम है कि कभी चश्मे की इस बड़ी कंपनी का दिवालिया निकलने वाला था यानी कंपनी Bankrupt होने वाली थी अब दिवालिया जिसे अंग्रेजी में Bankrupt कहा जाता है वह क्या होता है पहले इसे जान लीजिए... जब कोई व्यक्ति या संस्था कानूनी रूप से घोषणा करती है कि वो अपने द्वारा लिये गये ऋण यानी कर्ज़ को चुकाने में असमर्थ है, कर्ज को चुकाने की उसकी हैसियत नहीं बची तो इसे दिवालिया होना कहते हैं... यह भी जान लीजिए कि जब कोर्ट किसी व्यक्ति या किसी कंपनी को दिवालिया घोषित करती है तो उसकी संपत्ति कोर्ट द्वारा जब्त कर ली जाती है... उसके बाद व्यक्ति या कंपनी के नाम पर जितनी भी संपत्तियां होती है उन्हें बेचकर सभी देनदारियां यानी liabilities पूरी करने की कोशिश की जाती है...  खैर, बात चल रही थी रे बैन कंपनी की तो चलिए इस कंपनी को कैसे सेटअप किया गया, कैसे यह कंपनी एक बड़ी कंपनी के रूप में स्थापित हो गई, इसका छोटा सा इतिहास आपको कम शब्दों में बता देते हैं |

AF Pilots को माउन्ट एवरेस्ट से भी ऊपर विमान उड़ाने की आज़ादी मिल गई

एक दौर था जब AF Pilots को माउन्ट एवरेस्ट से भी ऊपर विमान उड़ाने की आज़ादी मिल गई थी... ये काफी रोमांचक तो था ही मगर पायलट्स को एक बड़ी परेशानी से जूझना पड़ता था... और वो परेशानी थी सूर्य की तेज रौशनी... 30 हज़ार फ़ीट से अधिक ऊंचाई पर जब पायलट विमान उड़ाते थे तो सूर्य की किरणे सीधा पायलट्स की आँखों में पड़ती थीं... इससे वो कुछ देख नहीं पाते थे और उनका सिर दर्द होने लगता था... तभी से पायलट्स ने लेदर की हुडी वाले काले-ग्लास वाले चश्मे लगाने की शुरुआत की थी... लेकिन वह भी सूर्य की किरणों से आंखों को बचाने के लिए काफी नहीं थे... और उस हुडी वाले पट्टेदार चश्मों से उन्हें खुलजी होने लगती थी... तब जाकर खास डिज़ाइन वाले सनग्लासेस इजात किए गए... इन चश्मों को एविएटर (Aviator) नाम दिया गया था... क्योंकि ये सूर्य की किरणें यानी कि Rays को ग्लास से उस पार जाने से रोकती थीं इसी लिए इसे Ray-Ban यानी किरणों रोकने वाला कहा जाने लगा... 

AF Pilots को माउन्ट एवरेस्ट से भी ऊपर विमान उड़ाने की आज़ादी मिल गई

इस खास चश्मे का आईडिया अमेरिकी वायुसेना कर्नल मैकरेडी को आया था... क्योंकि वह सूर्य की रौशनी का तोड़ तोड़ निकालना चाहते थे... कर्नल ने अपना आईडिया एक चश्मा बनाने वाले ऑप्टिशियन जॉन बॉस से शेयर किया... और यहीं से Ray-Ban एक कंपनी बनी... 1929 में जॉन बॉश ने अपने बिज़नेस पार्टनर लॉम्ब के साथ मिलकर रे-बैन शुरू कर दी... एयर फ़ोर्स पायलट द्वारा पहनने के बाद यह मार्केट में लॉन्च हुआ... शुरुआती तौर पर इसे आंखों की सुरक्षा करने वाले साइंटफिक चश्मे के रूप में प्रमोट किया गया... 1937 में Ray.Ban ने अपना पहला Anti Glare Aviator पेश किया और उसके बाद मेटल फ्रेम मार्केट में छा गए... वहीं, जब अमेरिकी सेना ने इस चश्मे को World War 2 में पहना तो यह पूरी दुनिया में पॉपुलर हो गया... अमेरिकी फ़ौज के जनरल डगलस मैकआर्थर ने भी इसे पहना... और ऐसे ही सैनिकों के जरिए कंपनी की दुनियाभर में ब्रांडिंग हो गई...

Ray-Ban कंपनी दिवालिया होने की कगार पर खड़ी हो गयी थी

पॉपुलर होने के बाद भी Ray-Ban कंपनी दिवालिया होने की कगार पर खड़ी हो गयी थी... मार्केट में और नए चश्मे आ गए जिससे रे बैन की सेल घटकर 18 हज़ार यूनिट हो गई... कंपनी ने प्रोडक्शन रोकने का फैसला कर लिया... लेकिन इसी बीच एंट्री होती है हॉलीवुड के टॉप क्लास एक्टर टॉम क्रूज़ की... उन्होंने इस कंपनी को डूबने से बचा लिया... 1983 में टॉम की फिल्म आई Risky Business जिसमे बाइक राइडिंग करते हुए क्रूज़ ने रेबैन का वेफरर ग्लास पहना हुआ था... इस फिल्म के रिलीज होने के बाद Ray-Ban की सेल 40% बढ़ गई... प्रोडक्शन 18 हज़ार से सीधे 60 हज़ार पहुंच गया... इसके बाद Tom Cruise ने अपनी फिल्म Top Gun में भी इस कंपनी के चश्मे को पहना और फिर से सेल अचानक से बढ़ गई... 

तो कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि Tom Cruise की बदौलत कंपनी ने पीछे मुड़कर देखा ही नहीं... आज की तारीख में Ray-Ban सनग्लासेस से लेकर नॉर्मल फ्रेम तो बनाती है... इसके साथ फ़ेसबुक के साथ मिलकर AI बेस्ड Meta-Ray-Ban भी बना रही... और इस तरह कभी दिवालिया होने वाली कंपनी आज एक प्रीमियम कंपनी बनकर पूरी दुनिया में राज कर रही है...हमें उम्मीद है कि आपको यह कहानी पसंद आई होगी और आप इसे अपने दोस्तों के साथ ज़रूर शेयर करेंगे... फिलहाल हमें दीजिए इजाज़त और देखते रहिए आपकी खबर, नमस्कार!

आमीना दाऊद

Share this story