केंद्रीय बजट में संस्कृति मंत्रालय को मिला अधिक आवंटन

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को अपने बजट भाषण में पहले चरण में एक लाख प्राचीन शिलालेखों के डिजिटलीकरण के साथ डिजिटल अभिलेख संग्रहालय भारत साझा शिलालेख (भारतश्री) स्थापित करने की घोषणा की। भारतश्री की स्थापना हैदराबाद में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा की जाएगी।
बजट 2023-24 के कुल परिव्यय में से 1,102.83 करोड़ रुपये एएसआई को केंद्रीय रूप से संरक्षित स्मारकों/स्थलों के संरक्षण और प्राचीन स्मारकों और पुरातात्विक स्थलों की खुदाई के लिए आवंटित किए गए हैं। बजट अनुमान 2022-23 के 1,080.34 करोड़ रुपये की तुलना में बजट अनुमान 2023-2024 (1,102.83 करोड़ रुपये) में एएसआई के लिए प्रावधानित परिव्यय में 2.08 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
वित्त मंत्रालय ने केंद्रीय स्वायत्त निकायों को 1,046.22 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जिसमें उनके कार्यक्रमों और गतिविधियों का समर्थन करने के लिए भारत भर में अकादमियां, संग्रहालय, पुस्तकालय और अन्य सांस्कृतिक संस्थान शामिल हैं। इस परिव्यय में वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान दो संबद्ध कार्यालयों, छह अधीनस्थ कार्यालयों, 34 केंद्रीय स्वायत्त निकायों और मंत्रालय की योजनाओं के प्रावधान शामिल हैं।
वित्त वर्ष 2023-24 में मंत्रालय की केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए 650.74 करोड़ रुपये (22.19 प्रतिशत) की बढ़ी हुई राशि आवंटित की गई है। संस्कृति मंत्रालय आजादी का अमृत महोत्सव के लिए नोडल एजेंसी होने के नाते वित्त वर्ष 2022-23 के संशोधित परिव्यय और वित्त वर्ष 2023-24 के बजट परिव्यय में मंत्रालय की शताब्दी और वर्षगांठ समारोह योजना के तहत स्मरणोत्सव गतिविधियों को करने के लिए एक विशेष प्रावधान किया गया है।
आजादी का अमृत महोत्सव और अन्य स्मारकों के लिए अनुमानित व्यय के अनुसार, संशोधित अनुमान चालू वर्ष के दौरान 110.00 करोड़ रुपये के बजट अनुमान से बढ़ाकर 353.82 करोड़ रुपये कर दिया गया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए गणमान्य व्यक्तियों की शताब्दी/जन्म जयंती मनाने के लिए 185 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इसके तहत 2023-24 के लिए प्रावधान बजट अनुमान 2022-23 की तुलना में 68.18 प्रतिशत अधिक है।
--आईएएनएस
केसी/एएनएम