मप्र : जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने के लिए सोशल मीडिया को सहारा बनाने पर जोर

भोपाल, 30 मई (आईएएनएस)। जलवायु परिवर्तन को लेकर हर कोई चिंतित है, लिहाजा पर्यावरण के प्रति समाज में जागरूकता लाने के प्रयासों का सिलसिला भी जारी है। इसी क्रम में मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में सोशल मीडिया में सक्रिय प्रतिनिधियों का एक समागम हुआ, जिसमें जागरूकता के लिए सोशल मीडिया के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किए जाने पर जोर दिया गया।
 
मप्र : जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने के लिए सोशल मीडिया को सहारा बनाने पर जोर
भोपाल, 30 मई (आईएएनएस)। जलवायु परिवर्तन को लेकर हर कोई चिंतित है, लिहाजा पर्यावरण के प्रति समाज में जागरूकता लाने के प्रयासों का सिलसिला भी जारी है। इसी क्रम में मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में सोशल मीडिया में सक्रिय प्रतिनिधियों का एक समागम हुआ, जिसमें जागरूकता के लिए सोशल मीडिया के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किए जाने पर जोर दिया गया।

पर्यावरण नियोजन और समन्वय संगठन (ईपीसीओ) में मंगलवार को सोशल मीडिया मीट का आयोजन पर्यावरण मंत्रालय की एक पहल, मिशन लाइफ - जन आंदोलन, के तहत पृथ्वी संरक्षण के प्रति जागरूक लोगों को जुटाने के लिए एप्को और यूनिसेफ द्वारा किया गया।

सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स से बात करते हुए जलवायु परिवर्तन पर राज्य ज्ञान प्रबंधन केंद्र, एप्को के समन्वयक लोकेंद्र ठक्कर ने मिशन लाइफ के उद्देश्यों पर बात की और कहा कि इसे पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण के लिए लोगों को व्यक्तिगत और सामूहिक कार्रवाई करने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से बनाया गया है।

उन्होंने मिशन लाइफ की सात श्रेणियों को साझा किया, जिसमें ऊर्जा की बचत, पानी की बचत, एकल उपयोग प्लास्टिक का कम उपयोग, टिकाऊ खाद्य प्रणाली, अपशिष्ट में कमी, स्वस्थ जीवन शैली को अपनाना और ई अपशिष्ट प्रबंधन शामिल हैं।

उन्होंने कहा, हम सब देख रहे हैं कि जलवायु परिवर्तन हो रहा है। इसका सबसे सटीक उदहारण हमारे सामने है कि मई के महीने में लू चलने की जगह बारिश हो रही है। ये बहुत जरूरी है कि हम अपने पर्यावरण को बचाने के लिए कदम उठाएं।

यूनिसेफ के अधिकारी नरेंद्र सिंह चौहान ने पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन को बचाने के लिए पानी बचाने, बिजली बचाने, प्लास्टिक को ना कहने और कचरे में कमी और पुनर्चक्रण जैसे व्यावहारिक सुझावों को साझा किया।

यूनिसेफ संचार विशेषज्ञ अनिल गुलाटी ने कहा कि सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर के रूप में सूचना को शक्तिशाली रूप से फैला सकते हैं, ताकि यह न केवल जागरूकता लाए, बल्कि जागरूकता के प्रयासों को बढ़ावा दे।

--आईएएनएस

एसएनपी/एसजीके

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