ब्रह्म सागर संस्थान ने अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष रागिनी अवस्थी को सम्मानित किया
![Brahma Sagar Institute honored Ragini Awasthi, State President of All India Brahman Mahasabha Women's Cell.](https://aapkikhabar.com/static/c1e/client/86288/uploaded/c5f1ee73d5cb3883df642a4777ffa7a8.png?width=730&height=480&resizemode=4)
देश के विभिन्न अंचलों से पधारे ब्राहमण संगठनों के प्रतिनिधि विप्रजनों को अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया ।
इस अवसर पर श्रीमद्भगद्गुरु शंकराचार्य अनंत श्रीविभूषित अमृतानंद देवतीर्थ, शारदा सर्वग्य पीठम श्रीनगर कश्मीर ने ब्रहमसागर-सन्देश नामक स्मारिका का विमोचन किया। इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न अंचलों से पधारे ब्राहमण संगठनों के प्रतिनिधि विप्रजनों को अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया ।
कार्यक्रम दो सत्रों में आयोजित किया गया प्रथम सत्र में मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद तथा पूर्व उप डॉ दिनेश शर्मा ने ब्राह्मणों की एकजुटता की सराहना करते हुए कहा कि ब्राहमण समाज सदैव वसुधैव कुटुम्बकम की भावना का संवाहक रहा है.
मुख्य वक्ता के रूप में चिन्मय मिशन के प्रमुख संत ब्रह्मचारी कौशिक चैतन्य महाराज ने अपने उद्बोधन में कहा कि ब्राह्मण समाज सनातन काल से ही गौरवशाली अतीत का साक्षी रहा है तथा समाज को एक दिशा देते आये हैं उन्होंने आगे कहा कि ब्रह्मसमाज की सहिष्णुता त्याग, तपस्या, वीरता और विद्वता ने विश्व में अनेक कीर्तिमान स्थापित किये हैं अब जरूरत हैं कि आने वाली पीढ़ी को जगाकर पुनः सनातन संस्कृति, गौरवशाली अतीत और स्वर्णिम भविष्य के संकल्प को आत्मसात कर भारत को पुनः विश्व गुरु और सोने की चिड़िया बनाने में योगदान दें आज का यह मंथन इस ओर बढ़ने की एक सराहनीय पहल है।
इसके अतिरिक्त इस ऐतिहासिक वार्षिक अधिवेशन में देश के कोने कोने सेपधारे प्रख्यात आध्यात्मिक चिंतक, वैज्ञानिक, शिक्षाविद, वैदिक मर्मज्ञ, सनातनी इतिहासकार, तकनीकी विशेषज्ञ, प्रशासनिक अधिकारी, समाजसेवी आदि सहित मनीषा जगत की महान विभूतियों ने ब्राह्मणों के कल्याण, खोई हुई विरासत को पुनः प्राप्त करने तथा ब्राह्मणों के एकीकरण की महती आवश्यकता पर अपने अपने विचार व्यक्त किये।
अध्यात्मिक जगत और मनीषा जगत के विद्वान संत महामंडलेश्वर अभयानंद महाराज ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत की सनातन संस्कृति, शिक्षा और ज्ञान को केंद्र में रखकर भारत को वैश्विक स्तर पर पुनः उसके तीनों आयामों भौतिक, बौध्दिक और अध्यात्मिक उत्कृष्टता के साथ वैभवशाली गौरवशाली मूल्यों मर्यादाओं को पुनर्जीवित करने का मानवोचित धर्म हम सब भारतीयों को करना होगा, ब्रह्मसागर द्वारा इस दिशा में किये जा रहे प्रयास अत्यंत सराहनीय है।ब्रह्मसागर के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व प्रशाशनिक अधिकारी (lAS Retd) कैप्टन एस के द्विवेदी ने देश के अनेक अंचलों से पधारे ब्रह्म वंशियों से अपील कि कि देश में ब्राह्मणों की स्थिति ठीक नहीं है अभी भी यदि हम नहीं चेते तो आने वाली हमारी पीढियां हमें माफ नहीं करेंगी, हमें अब जागना ही होगा, सारे भेद भुलाकर ब्रह्मसमाज का एकीकरण तथा इस शक्ति को महाशक्ति के रूप में प्रस्तुत करने के उद्देश्य के साथ एक मंच पर आना होगा।
अधिवेशन के दोनों सत्रों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम की पूर्णता धन्यवाद ज्ञापन और श्रीमद्भगद्गुरु शंकराचार्य के आशीर्वचनों के साथ हुआ।
इस अवसर पर ब्रह्मसागर परिवार के अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय, प्रदेश कार्यकारिणी के पदाधिकारियों सहित दुर्गेश पांडे, आशीष तिवारी, वी पी चतुर्वेदी, अनुराग पाण्डेय, सी पी तिवारी, लखन द्विवेदी, आहुति ओझा, कौशलेंद्र पांडेय, माधव ताडिमेटी, रत्ना शुक्ला, सुनीता पाण्डेय, प्रीति मिश्रा, रागिनी अवस्थी विशेष तौर पर कई और सदस्य और ब्राह्मण समाज के विप्रजन उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम के दौरान ब्रह्म सागर संस्थान ने अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष रागिनी अवस्थी को सम्मानित किया।
ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय