बाल चिंतन -आज का बचपन
bal chintan:aaj ka bachpan
Sun, 29 Jun 2025

(डॉ.सुधाकर आशावादी-विनायक फीचर्स)
न पहला सा बचपन है न बचपन की रीत
खेल खिलौने भूल गए, भूल गए सब प्रीत ॥
जागरूक मम्मी पापा ध्यान बहुत हैं रखते
आँखों से वो कभी हमें ओझल न होने देते ।
दूध पाउडर में मिला के टॉनिक खूब पिलाएँ
बच्चों की सेहत जाने क्यों अच्छी न रह पाए ।
प्यार से चम्मच भर आहार पौष्टिक खिलाएँ
नहीं खाएँ तो मम्मी पापा मोबाइल दिखलाएँ।
नंगे पैरों इधर उधर वे दौड़ने कभी नही देते
अपना समय भूल गए, बचपन न जीने देते।
कृत्रिमता में जीना मित्रों ये भी कुछ जीना है
बचपन में बचपन न जीएँ फिर कैसा जीना है ? (विनायक फीचर्स)