बाल कविता : साँप-सीढ़ी

Children's poem : Snakes and Ladders
 
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(सुधाकर आशावादी-विनायक फीचर्स)

जीवन में संघर्ष हैं कितने 
साहस का है कितना खेल 
जीवन का सच समझाता 
साँप सीढ़ी का अद्भुत खेल।

समृद्धि की सीढ़ी चढ़ते 
पासों की गिनती से सारे 
और कभी उन्नत शिखर से 
धरती पर गिर कर के हारे।

कर्म भाग्य का खेल निराला 
साँप सीढ़ी ही है सिखलाती
कभी उन्नति का मार्ग बनाती
कभी पतन का मुँह दिखलाती।

साँप सीढ़ी की सीख यही है 
जीवन में नित आगे बढ़ना 
बाधा चाहें जितनी भी आएँ 
गिरना और गिर कर संभलना। 

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