हुक्का बार की आड़ में अपराध

shankar shuvan singh

डॉ. शंकर सुवन सिंह

हीनता दरिद्रता को जन्म देती है और दरिद्रता अपराध को। हीन भावनाओं से ग्रसित व्यक्ति कभी आनंदित नहीं हो सकता। आत्मीयता आनंद की जननी है। आत्मीय सुख ही असली आनंद देता है। अकेलापन ही आनंद देता है। भीड़ भ्रमित करती है। आनंद का सम्बन्ध भीड़ से नहीं है। अकेलापन व्यक्ति के आत्म साक्षात्कार का स्रोत है। आत्म साक्षात्कार ही हमको प्रकृति से जोड़ती है। हवा पानी आकाश पृथ्वी और अग्नि हमको जीवन देती हैं जो कि प्रकृति का हिस्सा हैं। इन्ही पांच तत्वों से मिलकर शरीर भी बना है। यही जीवन दायनी तत्व हमको असली आंनद देते हैं। प्रकृति से प्रेम स्व की अनुभूति कराता है।

स्व की अनुभूति ही सुख प्रदान करती है। भौतिक वस्तुओं की अनुभूति दुःख प्रदान करती है। अपराध में व्यक्ति स्वत: को भूल जाता है। नशा सारे अपराध की जड़ है। नशा व्यक्ति को अनियंत्रित करता है। आनंद व्यक्ति को नियंत्रित करता है। हुक्का बार नशा को बढ़ावा देने का केंद्र है। हुक्का बार हीन भावनाओं का केंद्र बिंदु बनता जा रहा है। हीन भावनाओं से ग्रसित लोग हुक्का बार की शरण में जाते हैं। हुक्का बार व्यथित, चिंतित और भ्रमित लोगों का आरामगाह बन गया है।

ये भ्रमित लोग नए नए अपराध को जन्म देते हैं। प्रयागराज के नैनी स्थित पी डी ए कॉलोनी के हुक्का बार में 14 फरवरी 2023 को एक बालू कारोबारी की हत्या कर दी जाती है। देश के हर राज्य से ऐसी घटनाएं आए दिन हो रही हैं। इस प्रकार की घटनाएं समाज के बदलते स्वरुप,नेताओं के कोरे वादे और इंसानियत के साथ खिलवाड़ का वीभत्स रूप दर्शाती है। सरकार को हुक्का बार पर पूर्णतः प्रतिबन्ध लगा देना चाहिए। भारत सरकार को प्रत्येक जिले के बस स्टैंड,रेलवे स्टेशन,टैक्सी स्टैंड,टोल प्लाजा,हाई वे आदि मुख्य जगहों पर नैतिक मूल्यों से सम्बंधित कोटेशन के बैनर और पोस्टर लगवाने चाहिए।

समाज वहशीपन का शिकार हो रहा है। समाज में असहिष्णुता का विकास हो रहा है। समाज में बढ़ती बेरोजगारी,अशिक्षा,नैतिक मूल्यों का पतन आदि बुराइयां ही दरिंदगी और वहशीपन का कारण हैं। पुलिस भी समाज का हिस्सा है। पुलिस तंत्र का अव्यवस्थित  होना भी बढ़ते अपराध  का कारण है। थानेदार क़ानून का पालन नहीं कर रहे हैं।

ऐसा लगता है थानेदार क़ानून के मालिक बन गए हैं। ज्यादातर थानों  में थानेदार अपनी मन मर्जी चलाते है। परिणाम स्वरुप थानेदारों की मर्जी के चलते उत्तर प्रदेश में हुक्काबार फल फूल रहे हैं। हुक्का बार नशा करने और कराने का अड्डा बन चुका है। अतएव उत्तर प्रदेश की सरकार को हुक्काबार पर पूर्णतः प्रतिबन्ध लगा देना चाहिए। 
 

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