खुशियां आस पास ही छुपी हैं बाद उन्हें नज़र में लाने की देर है।

Naya rishta by nitu mathur

नया रिश्ता ::

Bansal family में जैसे खुशी की लहर सी दौड़ गई  जब उन्हें पता चला कि दीप्ति मां बनने वाली हैं, खबर सुनते ही माया ने कहा, " अब बहुत जल्द ही परिवार का पोता घर में आने वाला है... चिराग बेटा, तुमने तो मुझे दुनियां की सबसे बड़ी खुशी दी है, मैं अभी सबका मुंह मीठा करवाती हूं और बाकी सभी रिश्तेदारों को भी फोन करके बताती हूं। माया ने चिराग के माथे को चूम कर अपनी खुशी जाहिर की....वहीं दीप्ति kitchen के बाहर खड़ी ये सब देख रही थी, आज उसके लिए भी तो खुशी का बहुत बड़ा दिन है, लेकिन घर में किसी ने भी उसे प्यार नहीं दिया। दीप्ति की आंखों से आंसू छलक पड़े, तभी चिराग उसके पास आया और उसे प्यार से सहला कर बोला, "मेरी princess की mom यहां क्यू खड़ी है, उसे तो आराम करना है", फिर वो उसे बेडरूम की तरफ़ ले गया, बस एक चिराग था जो उसे बेहद प्यार करता था, उसका ख्याल रखता था, उसे समझता भी था कि, "एक दिन सब ठीक हो जायेगा, मैं mom dad से बात करूंगा,  तुम कोई भी tension मत लो और अपनी health का खयाल रखो।"

चिराग और दीप्ति पिछले 4 सालो से  एक ही ऑफिस में काम करते थे, वहीं उनकी मुलाकात  हुई और फिर आपस में बढ़ते प्यार को देखते हुए दोनों ने शादी का फैसला किया, दीप्ति बंगाली परिवार से थी, इस वजह से बंसल परिवार ने उसे अपनाने में थोड़ी आनाकानी की, लेकिन चिराग के प्यार और जिद की आगे उन्हें मानना ही पड़ा। लेकिन शादी के आज 2 सालो तक उन्होंने दीप्ति को मन से अपनी बहू स्वीकार नहीं किया। माया और राजेश एक रूढ़िवादी विचारधारा में बंधे थे कि शादी तो घर घराना देख के ही की जाती है। 

अगले दिन राजेश ने अपने account में check किया कि उनकी पेंशन आ गई है या नही, तब उन्हें पता चला कि अभी तो कुछ भी amount credit नहीं हुआ है, उन्हें थोड़ी फिकर हुई तो उन्होंने चिराग को आवाज लगाते हुए कहा "बेटा, मेरे बैंक में जाकर पता करना कि क्या मामला है pension का?" चिराग दूसरी तरफ एक call पर था, बार बार आवाज़ लगाने पर दीप्ति राजेश के पास आई और बोली, पापा मुझे बताइए, मैं देखती हूं, मैं office में accounts ही देखती हूं, उसने अपने laptop से check किया तो सारा matter समझ गई, कुछ documents जरूरी थे जो जमा करवाने थे, जिसे राजेश भूल गए थे, उसने कहा, "पापा, कल मैं आपको बैंक से पता करके बता दूंगी, फिर आपको साथ लेकर signature करा लाऊंगी, आप तैयार रहना। 

अगले दिन दीप्ति राजेश को लेकर बैंक पहुंची, सारी formalities के बाद manager ने कहा कि एक दो दिन में सारी pension with allowence credit हो जायेगी। ठीक वैसा ही हुआ और अब राजेश बहुत खुश थे, उन्होंने दीप्ति को आशीर्वाद दिया और सभी के सामने उसकी तारीफ़ की,"दीप्ति ने इस घर को अपनी रोशनी से चमका दिया है, वो हमारी बहू के साथ साथ घर की बेटी भी है, उसे हर तरह से इस घर का, सबका खयाल है, उसके सिर पर हाथ फेरते हुए उसे ढेरों आशीर्वाद दिया, माया ने भी नम आंखों से उसके गालों को चूमा और उसे गले लगा लिया। चिराग ने धीरे से दीप्ति का हाथ पकड़ा, जैसे कह रहा हो कि, यही वो पल है जिसे दोनों को बेहद इंतजार था। दीप्ति की आंखे खुशी से सराबोर, गाल गुलाबी और होठों पर प्यार और तसल्ली की मुस्कान से भर गए थे। जैसे खुशियां यहीं आस पास थी, बस आज ही दिखी और महसूस हुई है।

पति पत्नी का रिश्ता अगर प्यार और परवाह से चल रहा है तो इससे सुंदर बात और कुछ भी नहीं है, अगर दोनों आपस में खुश हैं एक दूसरे का खयाल रखते हैं तो, बाकी सभी रिश्ते भी चाहे कितने भी नाराजगी से भरे क्यूं ना हों, एक दिन संभाल कर पास आ जाते हैं। किसी भी रिश्ते को मान्यता या  उसे मनाने के लिए भरपूर कोशिश की कोई जरूरत नही... सहजता और धैर्य से एक दिन वो रिश्ते जुड़ ही जाते हैं। हर नए रिश्ते का पौधा हक से नहीं... प्यार, परवाह, धैर्य और सम्मान के खाद पानी और हवा से पनपता है, ये ध्यान रखिए। खुशियां आस पास ही छुपी हैं बाद उन्हें नज़र में लाने की देर है।

                                   ~नीतू माथुर

Share this story