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पल पल का साथी
Tue, 16 Jul 2024

पल पल का साथी ::
बारिश की गीली हवा में जैसे नमी बस गई
हवा संग तुम बदली बन मेरे मन में बस गई
हर दिल में अपनी पनाह बन मरहम बनी
दर्द के घाव को निशां से मिटाती चली गई,
ये साथ तेरा मेरी दवा सा काम कर गया
माथे की शिकन आहिस्ता कम कर गया
हौसला मुठ्ठी में भर मेरा गुरुर बढ़ा गया
घनघोर घुटे बादलों को जम से बरसा गया,
अब ना दर्द है कोई ना किसी चीज़ की कमी
दिल की धड़कन अब मेरी गहरी दोस्त बनी
अंदर बाहर दोनों तरफ मौसम अच्छा है
मेरे दिल का तेरे दिल से रिश्ता सच्चा है,
खुशनसीब हूं कि कोई है परवाह वाला
मेरा हाल बिना सवाल ही पूछने वाला
वैसे ये आदत दिल से लगा के रखी नहीं
मेरी बेपरवाहियां आज भी मुझसे छूटी नहीं,
दोस्त हजार, मगर यार बस एक तू है
पल पल का साथी, हमराज एक तू है।
~ नीतू माथुर