31 जनवरी को राम कथा पार्क में आयोजित हुआ रामोत्सव

भगवान रामलला के बाल रूप की नजर उतारी
तालियों की गूंज में दर्शकों की मांग पर इन्ही कलाकारो ने एक और लोक नृत्य प्रस्तुत किया। इसके बाद प्रयागराज से आई सुप्रिया रावत के दल ने "डीढिया" लोक नृत्य करके भगवान रामलला के बाल रूप की नजर उतारी। अपने सर पर मटके में प्रज्जवलित अग्नि रखकर किया जाने वाला ये नृत्य प्रयागराज के दोआबा क्षेत्र में हर शुभ अवसर पर किया जाता है।
अगली प्रस्तुति में अवध के महावीर शरण दास की रामलीला ने विश्वामित्र जी के यज्ञ को राम लक्ष्मण द्वारा रक्षा करने के दृश्य के साथ आरंभ करके जनकपुर से आमंत्रण,विश्वामित्र सहित दोनो भाईयो का जनकपुर प्रस्थान,मार्ग में देवी अहिल्या का उद्धार और जनकपुर में रात्रि विश्राम का दृश्य मंचित किया गया।इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय रामायण एवम वैदिक शोध संस्थान के निदेशक डॉक्टर लव कुश द्विवेदी,उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक क्षेत्र के कार्यक्रम अधिकारी अजय गुप्ता,संत मनीष दास,संत एम.बी. दास समेत तमाम गणमान्य भक्त और श्रद्धालु अंत तक जमे रहे। कार्यक्रम का संचालन भक्तिपूर्ण ढंग से आकाशवाणी के उद्घोषक देश दीपक मिश्र ने किया।