देश के किसानों, महिलाओं, गरीबों और युवाओं के लिए कोई लक्ष्य नहीं है और न ही उनके लिए बजट में कोई गुंजाइश होगी:रोहित अग्रवाल
श्री अग्रवाल ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था चरमरा गयी है। देश के किसानों, महिलाओं, गरीबों और युवाओं के लिए कोई लक्ष्य नहीं है और न ही उनके लिए बजट में कोई गुंजाइश होगी। 10 साल के कार्यकाल में नरेंद्र मोदी सरकार ने कुछ चंद उद्योगपतियों को छोड़कर आम जनमानस के लिए कुछ नहीं किया इसलिए यह उनका आखिरी अन्तरिम बजट होगा क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा सरकार को बुरी तरह हार का सामना करना पडेगा। जिस प्रकार पिछले बजटों में उन्होंने जनता को झुनझुना थमा दिया उसी तरह आने वाले बजट में भी ऐसा ही होगा क्योंकि इनकी नीयत साफ नहीं है।
श्री अग्रवाल ने कहा कि अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज जनता को भाजपा सरकार से बजट में कोई उम्मीद नहीं है। जनता समझ चुकी है जब 10 साल में कुछ नहीं दिया तो चुनावी बजट होने पर सरकार कौन से रोजगार सृजन के लिए बजट प्रस्तुत करने जा रही है। 2014 के अगर वादे याद करें तो 100 स्मार्ट सिटी, 2 करोड़ रोजगार तरह तरह के प्रलोभन दिए थे लेकिन सब जुमले ही निकले।
ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय