"मैं तो आतंकियों को मुसलमान नहीं मानता" – आमिर खान के बयान पर मचा बवाल, जानिए उन्होंने क्या कहा
Aamir Khan on Muslims and terrorism

Aamir Khan controversial statement
बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान एक बार फिर अपने बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। हाल ही में सामने आए एक इंटरव्यू या वीडियो क्लिप में आमिर खान ने कहा,
"मैं तो आतंकियों को मुसलमान मानता ही नहीं हूं।"
उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया और तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। जहां कुछ लोग उनके विचार को सराहनीय मान रहे हैं, वहीं कई लोग इसे विवादास्पद बता रहे हैं।
क्या कहा आमिर खान ने?
वीडियो क्लिप में आमिर खान कहते नजर आ रहे हैं कि "जो लोग आतंक फैला रहे हैं, जो मासूमों की जान ले रहे हैं, वो इस्लाम की शिक्षाओं के खिलाफ हैं। ऐसे लोग कैसे मुसलमान हो सकते हैं? मेरे नजरिए में आतंकवादी मुसलमान हो ही नहीं सकते।"
आमिर खान का इशारा इस बात की ओर था कि इस्लाम शांति और इंसानियत का धर्म है, और जो लोग इसके नाम पर हिंसा फैला रहे हैं, वे धर्म की मूल भावना के विरुद्ध हैं।
सोशल मीडिया पर बंटी राय
आमिर खान का यह बयान आते ही सोशल मीडिया पर बवाल मच गया।
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कुछ यूज़र्स ने उन्हें साहसिक और सही सोच वाला इंसान बताया,
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तो कुछ ने कहा कि वे इस तरह के बयानों से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा रहे हैं या राजनीतिक रूप से तटस्थ दिखने की कोशिश कर रहे हैं।
कुछ आलोचक यह भी कह रहे हैं कि आमिर खान को इस तरह के संवेदनशील मुद्दों पर बात करते समय अधिक संतुलित शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए।
पहले भी दे चुके हैं विवादास्पद बयान
यह पहली बार नहीं है जब आमिर खान किसी बयान के चलते विवादों में आए हों। इससे पहले भी उन्होंने देश में "बढ़ती असहिष्णुता" पर टिप्पणी की थी, जिसके बाद उन्हें काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी। हालांकि, आमिर हमेशा यह कहते रहे हैं कि उनका उद्देश्य किसी को ठेस पहुंचाना नहीं, बल्कि संवेदनशील मुद्दों पर ईमानदारी से बात करना है।
आखिर मुद्दा क्या है?
आमिर खान का मूल संदेश यही लगता है कि आतंकवाद को किसी धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। उनका मानना है कि धर्म का नाम लेकर हिंसा फैलाने वाले व्यक्ति धर्म का सच्चा अनुयायी नहीं हो सकता।
आपकी राय क्या है?
क्या आप आमिर खान के इस बयान से सहमत हैं?
क्या आतंकवाद को धर्म से जोड़ना सही है?
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