सिंदूर लगाने से क्या मैं दोजख में जाऊंगी?" – सना अमीन शेख के जवाब ने छेड़ दी बहस

 
 Actress Sana Amin Sheikh’s Fiery Response to Trollers

आज हम एक ऐसे टॉपिक पर बात करने जा रहे हैं जो सोशल मीडिया पर छाया हुआ है और जिसने एक पुराने विवाद को फिर से हवा दे दी है। ये है टीवी एक्ट्रेस सना अमीन शेख का बोल्ड और करारा जवाब जब उनसे पूछा गया, "मुस्लिम हो, सिंदूर क्यों लगाती हो?" और उनका जवाब था – "क्या अल्लाह मुझे सिंदूर लगाने की वजह से दोजख में भेज देंगे?  ये स्टेटमेंट इतना दमदार था कि इसने सोशल मीडिया पर तूफान ला दिया! तो आज के इस वीडियो में हम सना के जवाब के पीछे की कहानी समझेंगे, और ये भी देखेंगे कि कैसे ये छोटा सा सवाल एक बड़े cultural और religious डिबेट का हिस्सा बन गया।

तो ये कहानी शुरू होती है सना अमीन शेख से, जो एक जानी-मानी टीवी एक्ट्रेस हैं। आपने उन्हें सीरियल्स जैसे कृष्णदासी, गुस्ताख दिल, और फिल्म रागिनी एमएमएस 2 में देखा होगा। सना एक टैलेंटेड एक्ट्रेस हैं, लेकिन वो तब बड़े चर्चा में आईं जब उन्होंने अपने एक फेसबुक पोस्ट के जरिए अपने क्रिटिक्स को जवाब दिया। बात 2016 की है जब सना अपने शो कृष्णदासी के सेट पर थीं। इस शो में उनका किरदार एक ऐसी लड़की का था जो सिंदूर लगाती है, जो हिंदू परंपरा में विवाहित महिलाओं का प्रतीक माना जाता है। लेकिन शूटिंग खत्म होने के बाद भी जब सना ने पर्सनली सिंदूर लगाया रखा, तो कुछ लोगों ने उनपर सवाल उठाए। एक यूजर ने उनसे सीधे पूछ लिया, "आप मुस्लिम होते हुए सिंदूर क्यों लगाती हैं ? ये तो हिंदू ट्रेडिशन है 

और यहीं से शुरू हुआ असली ड्रामा! सना ने न सिर्फ इस सवाल का जवाब दिया, बल्कि एक ऐसा स्टेटमेंट दिया जो आज भी लोगों के दिलों में बसा है। उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा: "लोग मेरी आलोचना कर रहे हैं कि शूटिंग खत्म होने के बाद भी मैंने सिंदूर क्यों लगाया रखा है। वैसे मैं बता दूं कि जब मैं अपने बाल धोती हूं तभी सिंदूर हटता है। मैं पूछती हूं कि अगर मैं अपनी पसंद से भी सिंदूर लगाती हूं, तो क्या इससे मेरा मुसलमान होना खतरे में पड़ गया? मेरी मां और नानी, मुसलमान होने के बावजूद मंगलसूत्र पहनती हैं। तो क्या अल्लाह मुझे सिंदूर लगाने की वजह से दोजख में भेज देंगे? और जो लोग मुझे इंस्टाग्राम और फेसबुक पर हिदायत देते हैं, क्या वो जन्नत में जाएंगे?"

ये जवाब इतना बोल्ड और स्ट्रेटफॉरवर्ड था कि सोशल मीडिया पर ये वायरल हो गया! सना का ये कहना था कि कोई भी परंपरा या रीति-रिवाज उनके धर्म को डिफाइन नहीं करता। उन्होंने ये भी पॉइंट किया कि जो लोग उन्हें ट्रोल कर रहे हैं, वो खुद सोशल मीडिया पर हैं, टीवी सीरियल देखते हैं – और ये सब भी तो इस्लाम के कुछ सख्त इंटरप्रिटेशन्स के हिसाब से "हराम" माना जा सकता है। तो फिर वो उन्हें जज कैसे कर सकते हैं?

सना के इस जवाब ने एक बड़ा सवाल खड़ा किया – क्या एक इंसान का धर्म उसके कपड़ों, उसके रीति-रिवाजों, या उसके पर्सनल चॉइसेज से डिफाइन होता है? और क्या किसी को ये हक है कि वो दूसरों के पर्सनल चॉइसेज पर उंगली उठाए?

अब थोड़ी सी बैकस्टोरी समझते हैं। सना अमीन शेख एक मुस्लिम फैमिली से हैं, और सना ने हमेशा अपनी पर्सनल लाइफ में दोनों कल्चर्स को अपनाया है। उनकी मां और नानी भी मंगलसूत्र पहनती थीं, जो एक हिंदू परंपरा है, लेकिन उन्होंने कभी इसे अपने धर्म के खिलाफ नहीं माना। सना का कहना है कि ये रीति-रिवाज दिल से दिल तक का सफर हैं – ये प्यार और रिस्पेक्ट का प्रतीक हैं, न कि किसी धर्म का सर्टिफिकेट।

लेकिन ये सवाल सिर्फ सना तक सीमित नहीं है। ये एक बड़ा cultural डिबेट है जो भारत में अक्सर देखा जाता है। हिंदू परंपराएं जैसे सिंदूर, मंगलसूत्र, या बिंदी को अक्सर हिंदू धर्म से जोड़ा जाता है, लेकिन क्या ये परंपराएं सिर्फ एक धर्म तक सीमित हैं? या ये एक सांस्कृतिक प्रथा हैं जो कोई भी अपना सकता है? 

सना के जवाब का असर ये हुआ कि उन्होंने न सिर्फ अपने क्रिटिक्स को चुप कराया, बल्कि एक बड़ा सवाल उठाया – हम क्यों दूसरों के पर्सनल चॉइसेज को जज करते हैं? उनका ये भी कहना था कि जो लोग उन्हें सिंदूर लगाने के लिए ट्रोल कर रहे हैं, वो खुद टीवी सीरियल देखते हैं, जो उनके अपने लॉजिक के हिसाब से भी "हराम" हो सकता है।

अब ये सवाल आपके लिए है, दोस्तों – क्या आपको लगता है कि सिंदूर या मंगलसूत्र जैसे प्रतीक सिर्फ एक धर्म तक सीमित होने चाहिए? या ये एक पर्सनल चॉइस है जो कोई भी अपना सकता है, चाहे वो किसी भी धर्म से हो? सना का जवाब तो ये कहता है कि प्यार और रिस्पेक्ट के आगे धर्म की दीवारें छोटी पड़ जाती हैं। लेकिन आपका क्या सोचना  है? कमेंट बॉक्स में अपनी राय जरूर शेयर कीजिए!

तो  ये थी सना अमीन शेख की कहानी और उनके बोल्ड जवाब की दास्तान। 

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