गे /लेस्बियन का होना क्यों पाकिस्तान को लगता है घिनौना

Why does Pakistan consider being gay/lesbian disgusting?
गे /लेस्बियन का होना क्यों पाकिस्तान को लगता है घिनौना
Freedom In A Cult Nation Like Pakistan : LGBT जानते हैं आप किसे कहते हैं. सोशल मीडिया का ज़माना है, ऊपर से ये एक ऐसा टॉपिक बन चुका है जिस पर काफी बज़ बना रहता है. तो ऐसे में ज़ाहिर है LGBT यानी समलैंगिकता के बारे में आपको ज़रूर जानकारी होगी.लेकिन जो बेचारे मासूम हैं, उनको सही और पूरी जानकारी देना भी हम ज़रूरी समझते हैं.

देखिए जब हम बचपन से बड़े होने की ओर बढ़ रहे होते हैं तो आमतौर पर हमें बताया जाता है कि सिर्फ दो तरह के लोग ही होते हैं या तो मेल या फिर फीमेल.  लेकिन ये बात पूरी तरह से सही नहीं है... LGBT भी एक कम्युनिटी होती है... Easy wordings में आपको बताएं तो LGBT उस तरह के लोग होते हैं जो अपने ही जेंडर के इंसान के लिए romantically और Sexual attraction रखते हैं... समलैंगिक पुरुष अक्सर गे कहलाते हैं और समलैंगिक महिलाएं लेस्बियन... सोशल मीडिया स्क्रोल करते-करते अपने ऐसी रील्स ज़रूर देखी होगी जिसमें एक मेल दूसरे मेल से शादी कर रहा होता है या कोई फीमेल दूसरी फीमेल से शादी कर रही होती है. आज कल इनकी तादाद बहुत तेजी से बढ़ रही है.

खैर, फिल्म इंडस्ट्री को समाज का आईना कहा जाता है..जो समाज में हो रहा होता है उसे बड़े पर्दे में पिरोकर दिखा दिया जाता है. बॉलीवुड में भी समलैंगिक लव स्टोरीज़ पर कई फिल्में बन चुकी हैं. साल 1996 में पहली बार समलैंगिक रिश्तों पर बनीं, शबाना आजमी और नंदिता दास की फिल्म फायर आई थी..फिल्म को लेकर काफी विरोध हुआ जिसके बाद सरकार ने इस पर बैन लगा दिया. फिर लगभग 20 सालों के बड़े अंतराल के बाद मनोज वाजपेयी की फिल्म अलीगढ़ आई. इसके अलावा कल्कि कोचलीन की ‘मार्गरिटा विद अ स्ट्रॉ’, सिद्धार्थ मल्होत्रा, आलिया भट्ट की कपूर एंड संस, सोनम कपूर की एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा, आयुष्मान खुराना की शुभ मंगल ज्यादा सावधान, रणदीप हुड्डा की बॉम्बे टॉकिज, भूमि पेडनेकर की बधाई दो जैसी फिल्में भी आईं जो समलैंगिक रिश्तों पर बेस्ड थीं... इन फिल्मों ने अच्छा खासा कलेक्शन तो किया ही, साथ ही लोगों के सोचने का नज़रिया भी बदल दिया... इन फिल्मों ने आम लोगों के दिलों में समलैंगिक लोगों के लिए एक सॉफ्ट कॉर्नर पैदा किया..

खैर, अब आते हैं सीधे अपने आज के मुद्दे पर... हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान, वहां भी सेम जेंडर में प्यार करने वालों की पापुलेशन में इज़ाफ़ा हो रहा है... तो वहां की फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने सोचा कि क्यों ना इसी सब्जेक्ट पर एक पाकिस्तानी फिल्म क्यों ना बनाई जाए... तो बस पाकिस्तान के फिल्म डायरेक्टर आसीम अब्बासी ने पाकिस्तान के बेहद पॉप्युलर स्टार फवाद खान को लेकर एक सीरीज़ बनाई जिसका नाम रखा गया Barzakh... लेकिन उनसे गलती ये हो गई कि वो ये बात भूल गए की पाकिस्तान के लोगों की ज़हनियत आज भी पुरानी की पुरानी ही है... उन्हें अपनी सोच को अपडेट करने के लिए एक अच्छा खासा वक्त लगेगा...

बहरहाल, अब गलती की है तो ख़ामियाज़ा भी भुगतना पड़ेगा... आसिम अब्बासी ने सोचा था कि डिफरेंट सब्जेक्ट लेकर शो बनाने के लिए उन्हें एप्रिशिएट किया जाएगा... एप्रिशिएट तो भूल जाइए, अब वो वहां अपनी जान बचा पाएं, ये भी बड़ी बात होगी, क्योंकि उनके शो को लेकर एक बड़ा बवाल मच गया है... जी हां, इस शो का पहला एपिसोड 19 जुलाई को रिलीज़ किया गया था... और इसके टोटल एपिसोड रिलीज़ भी किया जा चुके हैं... लेकिन जी जिंदगी’ के ऑफिशियल इंस्टाग्राम से इस बात का ऐलान कर दिया गया है कि शो को पाकिस्तान में यूट्यूब से हटा लिया जाएगा... पोस्ट में मेकर्स ने लिखा है कि पाकिस्तान में इस वक्त लोगों की भावनाओं को देखते हुए, हमने खुद ही ये फैसला किया है कि बरज़ख को यूट्यूब पाकिस्तान से 9 अगस्त, 2024 से हटा लिया जाएगा...

चलिए अब ये भी जान लीजिए कि आखिर किस वजह से इस शो को इतना ज़्यादा विरोध का सामना करना पड़ रहा है... दरअसल, इस शो को लेकर विवाद उस वक्त शुरू हो गया था जब एक एपिसोड के दौरान शो में सैफुल्लाह का किरदार निभा रहे फवाद खान और लोरेंजो का किरदार निभा रहे फ्रैंको गियुस्ती के बीच इंटिमेट सीन दिखाया गया... दोनों को इतने करीब दिखाया गया, कि दोनों किस करने वाले थे... इसी सीन पर बवाल हो गया... कई लोगों ने आरोप लगाया कि शो LGBTQIA+ को प्रमोट कर रहा है... इसके बाद शो के बायकॉट की बात भी होने लगी थी...

इससे ये पता चलता है कि इंडिया और पाकिस्तान के लोगों की सोच में कितना ज़्यादा ज़मीन-आसमान का फर्क है... हम हकीकत पसंद हैं और बॉर्डर उस पार वाले झूठी शान के सहारे अपने आप को अलग साबित करने में लगे हुए हैं... अब इससे उन्हें फायदा क्या हो रहा है ये तो नहीं मालूम, लेकिन हां ज़हनी तौर पर लोगों के इमोशंस के साथ खेलकर वो कहीं ना कहीं अपना नुकसान ज़रूर कर रहे हैं.

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