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bollybood latest news in hindi : जान्हवी कपूर के दलित ब्वायफ़्रेंड को क्यों आया गुस्सा?

आखिर में आपकी जाति ही आपकी पहचान होगी
आज इंसान को उसकी काबिलियत पर आंका जाता है, लेकिन ये सब कुछ ढकोसले हैं, आप चाहे जितने भी काबिल क्यों ना हो, लेकिन आखिर में आपकी जाति ही आपकी पहचान होगी, तल्ख़ ज़रूर है लेकिन unfortunately यही इस देश की सच्चाई है. और ऐसा नहीं है कि दबे कुचले गरीब पिछड़े दलित ही समाज की हीन भावना का शिकार होते हैं, बल्कि वो दलित जिनका रहन-सहन समाज के तथाकथित उच्च जाति के लोगों से कहीं ज़्यादा ऊपर होता है, उन्हें भी इस देश में हीन भावना का शिकार होना पड़ता है.
अगर आपको मेरी इस बात पर यकीन नहीं आता तो चलिए मैं आपको इसका एक उदाहरण देकर समझाती हूं. जहान्वी कपूर को ज़रुर जानते होंगे आप, बॉलीवुड के मशहूर डायरेक्टर बोनी कपूर और दिवंगत श्रीदेवी की बेटी. आज कल इनकी रियल लाइफ की लव स्टोरी के चर्चे खूब हो रहे हैं. जहान्वी पिछले काफी वक्त से शिखर पहाड़िया को डेट कर रही हैं. अब ये शिखर पहाड़िया हैं कौन, चलिए पहले आपको ये बता देते हैं.
बिज़नेस टाइकून संजय पहाड़िया और सोबो फिल्म्स की मालकिन स्मृति संजय शिंदे के बेटे हैं
शिखर पहाड़िया बिज़नेस टाइकून संजय पहाड़िया और सोबो फिल्म्स की मालकिन स्मृति संजय शिंदे के बेटे हैं. बॉलीवुड में तेज़ी से उभरते हुए सितारे वीर पहाड़िया इनके सगे भाई हैं. पहाड़िया ब्रदर्स के पेरेंट्स बहुत साल पहले ही अलग हो गए थे, लेकिन दोनों ने साथ में अपने बच्चों की परवरिश की.आपको जानकर ताज्जुब होगा कि वीर और शिखर पहाड़िया के नाना महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री थे.
शिखर और वीर ने बॉम्बे स्कॉटिश स्कूल और धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल में अपनी शुरुआती पढ़ाई पूरी की है, जहां से कई सेलेब्स पढ़ चुके हैं. शिखर ने लंदन में रीजेंट यूनिवर्सिटी से ग्लोबल फाइनेंशियल मैनेजमेंट से बैचलर डिग्री हासिल की है. शिखर पहाड़िया फिलहाल अपने पिता का बिजनेस संभाल रहे हैं. इसके अलावा वो एक प्रोफेशनल पोलो प्लेयर भी हैं. वो लंदन में वधावन ग्लोबल कैपिटल के साथ इन्वेस्टमेंट एनालिस्ट का काम भी करते हैं. 2013 में रॉयल जयपुर पोलो टीम के सदस्य के तौर पर उन्होंने बर्कशायर पोलो क्लब लंदन में भारत को रिप्रेजेंट भी किया था. भले ही शिखर पहले सोशल मीडिया पर एक्टिव नहीं रहते थे, लेकिन अब अक्सर कुछ न कुछ शेयर करते रहते हैं. इंस्टाग्राम पर उनके लाखों में फॉलोअर्स हैं.
वो एक दलित परिवार से आते है
इन तमाम जानकारियों से मालूम पड़ता है कि शिखर पहाड़िया कितने काबिल हैं, लेकिन समाज के लिए वो सिर्फ एक दलित थे, दलित हैं और दलित ही रहेंगे.जी हां, इसका पता तब चला जब शिखर ने जाति के नाम पर ट्रोलिंग करने वाले एक शख्स को मुंहतोड़ जवाब दिया. दरअसल उनके एक पोस्ट पर एक इंस्टाग्राम यूजर ने जातिसूचक कोमेंट किया था. इस पर शिखर ने इंस्टा पर उस कमेंट के साथ एक पोस्ट लिखा. ये पोस्ट दिवाली का था. इसमें जाह्नवी और शिखर के पेट्स दिख रहे थे. साथ ही शिखर दिवाली की पूजा कर रहे थे.
शिखर ने जो पोस्ट किया है, उसमें ट्रोल करने वाले ने कोमेंट में लिखा- लेकिन तू तो दलित है. इस पर शिखर ने अपना रिएक्शन देते हुए लिखा कि ईमानदारी से कहूं तो ये बहुत दयनीय स्थिति है कि आज भी तुम्हारी जैसी छोटी सोच और पिछड़े दिमाग के लोग हैं... दिवाली रोशनी, तरक्की और एक होने का त्योहार है जो कि साफ तौर पर तुम्हारी छोटी बुद्धि से दूर है. भारत की ताकत हमेशा इसकी विभिन्नता में समानता रही है जो कि साफतौर पर तुम्हारी पहुंच से बाहर है. ये अज्ञान फैलाने से बेहतर है कि तुम्हें खुद को शिक्षित करना चाहिए, क्योंकि सही मायनों में अगर यहां कुछ अछूत है तो वो तु्म्हारे सोचने का स्तर है.
बहरहाल, शिखर ने जवाब तो सिर्फ उस कोमेंट करने वाले को ही दिया था, लेकिन उनका जो मैसेज है वो काफी दूर तक गया है. इसमें कोई शक नहीं है कि हमारे देश में ऐसे लोगों की तादाद बहुत ज़्यादा है जो लोगों को उनकी जाति के नाम पर उनका मज़ाक बनाते हैं... उनके लिए तो ये एक मज़ाक होता है, लेकिन जिनका मज़ाक बनाया जाता है, उस पर क्या गुज़रती है, ये सिर्फ वही समझ सकता है