बॉलीवुड की खूबसूरत रहस्यमयी अदाकारा: नंदा की कहानी

जहां सितारे सिर्फ स्क्रीन पर नहीं, दिलों में भी बसते हैं, वहीं कुछ चेहरे ऐसे होते हैं जिनकी ज़िंदगी पर्दे पर जितनी चमकदार रही, पर्दे के पीछे उतनी ही रहस्यमयी। आज हम बात कर रहे हैं बॉलीवुड की एक ऐसी अभिनेत्री की, जिन्होंने अपनी मासूम मुस्कान और प्रभावशाली अभिनय से लाखों दिलों को छू लिया — नंदा।

 
बॉलीवुड की खूबसूरत रहस्यमयी अदाकारा: नंदा की कहानी

बचपन और पारिवारिक पृष्ठभूमि

8 जनवरी 1939 को महाराष्ट्र के कोल्हापुर में जन्मी नंदा, जिनका असली नाम नंदिनी कर्नाटकी था, एक फिल्मी परिवार से थीं। उनके पिता, मास्टर विनायक, मराठी सिनेमा के प्रतिष्ठित अभिनेता, निर्माता और निर्देशक थे। फिल्मी विरासत से जुड़ाव उन्हें विरासत में मिला, क्योंकि उनके मामा वी. शांताराम और सौतेले भाई भालजी पेंढारकर भी इंडस्ट्री के प्रसिद्ध नाम थे।

परंतु सात वर्ष की उम्र में पिता का निधन उनके जीवन में भूचाल ले आया। परिवार पर आर्थिक संकट छा गया और नंदा को बाल कलाकार के रूप में अभिनय की दुनिया में कदम रखना पड़ा, ताकि वे अपने छह भाई-बहनों और मां का सहारा बन सकें। इसी संघर्ष ने उन्हें “बेबी नंदा” के नाम से लोकप्रिय बना दिया।

शिक्षा और शुरुआती फिल्मी सफर

नंदा की औपचारिक शिक्षा सीमित रही, क्योंकि परिवार की जिम्मेदारियों ने उन्हें बहुत कम उम्र में काम करने पर मजबूर कर दिया। हालांकि उन्हें घर पर प्रसिद्ध शिक्षक गोकुलदास माखी से शिक्षा मिली, जो बॉम्बे स्काउट्स के कमिश्नर भी थे।

1948 से 1956 के बीच उन्होंने कई मराठी फिल्मों में बाल कलाकार के रूप में काम किया — जिनमें ‘कुलदैवत’, ‘शेवग्याच्या शेंगा’ और ‘देवघर’ शामिल थीं। शेवग्याच्या शेंगा में उनके अभिनय की सराहना खुद पंडित नेहरू ने की थी।

बॉलीवुड में सफलता की उड़ान

1956 में उनके मामा वी. शांताराम ने उन्हें फिल्म ‘तूफान और दिया’ में अभिनय का मौका दिया, जिसमें उन्होंने एक अंधी बहन का मार्मिक किरदार निभाया। यह भूमिका उनके लिए टर्निंग प्वाइंट साबित हुई। इसके बाद, 1957 की फिल्म ‘भाभी’ में उनके प्रदर्शन ने उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड नॉमिनेशन दिलाया।

1959 की फिल्म ‘छोटी बहन’ में बलराज साहनी और रहमान के साथ उनकी जोड़ी ने धूम मचा दी। इसके बाद उन्होंने ‘धूल का फूल’, ‘काला बाजार’, ‘कानून’, ‘हम दोनों’, और ‘तीन देवियां’ जैसी कई सुपरहिट फिल्मों में अभिनय किया।

1960 में फिल्म ‘अंचल’ के लिए उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला।

शिखर की ओर यात्रा

नंदा 1960 से 1973 के बीच बॉलीवुड की सबसे लोकप्रिय और अधिक फीस लेने वाली अभिनेत्रियों में से थीं। जब जब फूल खिले (1965) ने उनकी ग्लैमरस छवि को स्थापित किया, जिसमें उन्होंने पहली बार वेस्टर्न अंदाज़ में अभिनय किया और शशि कपूर के साथ एक खूबसूरत प्रेम कहानी निभाई।

उनकी जोड़ी शशि कपूर के साथ बेहद लोकप्रिय रही। ‘मोहब्बत इसको कहते हैं’, ‘नींद हमारी ख्वाब तुम्हारे’, ‘रूठा ना करो’ जैसी फिल्मों में दोनों की केमिस्ट्री ने दर्शकों का दिल जीत लिया।

उन्होंने राजेश खन्ना के साथ भी कई हिट फिल्में दीं — जैसे ‘इत्तेफाक’, ‘द ट्रेन’, और ‘जोरू का गुलाम’

निजी जीवन की अनकही दास्तान

अपने पेशेवर जीवन में सफलता की ऊंचाइयों को छूने वाली नंदा की निजी ज़िंदगी हमेशा सुर्खियों से दूर रही। जब जब फूल खिले की शूटिंग के दौरान एक फौजी अफसर ने उनसे विवाह का प्रस्ताव भेजा, लेकिन नंदा ने इंकार कर दिया। परिवार ने कई रिश्ते सुझाए, लेकिन नंदा ने किसी से विवाह नहीं किया।

1992 में, वहीदा रहमान के माध्यम से उनकी मुलाकात डायरेक्टर मनमोहन देसाई से हुई और दोनों ने सगाई कर ली। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था — एक दुखद हादसे में देसाई की मृत्यु हो गई और नंदा फिर कभी शादी के बारे में नहीं सोच सकीं।

आखिरी दौर और विराम

1970 के दशक के बाद नंदा ने चरित्र भूमिकाओं में काम करना शुरू किया। ‘अहिस्ता अहिस्ता’ और ‘प्रेम रोग’ जैसी फिल्मों में उन्होंने मां की भूमिका निभाई और फिर से सराहना पाई। 1995 में उन्होंने फिल्मों से संन्यास ले लिया।

25 मार्च 2014 को, 75 वर्ष की उम्र में, नंदा का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उनकी मृत्यु ने पूरे बॉलीवुड को स्तब्ध कर दिया, क्योंकि वे बिल्कुल स्वस्थ थीं।

नंदा की विरासत

करीब चार दशकों तक उन्होंने भारतीय सिनेमा को अपनी अदाकारी से समृद्ध किया। 40 से अधिक फिल्मों में उनका योगदान भारतीय फिल्म इतिहास में अमिट रहेगा। उनकी सादगी, गरिमा और कलात्मक प्रतिभा उन्हें एक सच्ची लीजेंड बनाती हैं।नंदा की कहानी हमें यह सिखाती है कि कठिन परिस्थितियाँ भी किसी के जुनून और मेहनत को नहीं रोक सकतीं।आपकी पसंदीदा नंदा फिल्म कौन सी है? कमेंट में जरूर बताएं! अगली बार हम एक और बॉलीवुड सितारे की प्रेरणादायक कहानी लेकर आएंगे। तब तक हमारे चैनल को सब्सक्राइब करें और इस लेख को शेयर करना न भूलें।

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