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Hyderabad central university issue : Development के नाम पर बेज़ुबानों की जान पर ख़तरा

 clearing of 400-acre green cover near Hyderabad University 

 
Hyderabad deforestation reason

Hyderabad central university issue

आज हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसे वीडियो की, जो सोशल मीडिया पर आग की तरह वायरल हो रहा है। आपने शायद देखा होगा - मोर की चिल्लाहट, पक्षियों की दर्दनाक  पुकार, और एक ऐसा दृश्य जो दिल को झकझोर देता है। लेकिन सवाल ये है - ये वीडियो कहां का है? इसके पीछे की कहानी क्या है? और क्यों लोग चिल्ला रहे हैं कि 'पेड़ों की कटाई तुरंत बंद करो'? आज हम इस पूरे मामले की गहराई में जाएंगे, और आपको बताएंगे कि हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में आखिर चल क्या रहा है। तो वीडियो को अंत तक देखिए, सबसे पहले बात करते हैं उस वायरल वीडियो की। ये वीडियो कुछ सेकेंड का है, लेकिन इसमें जो आवाजें हैं, वो किसी का भी दिल दहला सकती हैं। इसमें मोर और दूसरे पक्षी चिल्ला रहे हैं, जैसे वो मदद मांग रहे हों। ये कोई फिल्म का सीन नहीं है, बल्कि असल जिंदगी का एक दर्दनाक सच है। सोशल मीडिया पर लोग इसे शेयर कर रहे हैं और लिख रहे हैं - 'हैदराबाद में जंगल काटा जा रहा है', 'IT पार्क के लिए प्रकृति का विनाश हो रहा है', और 'पक्षियों का घर छीना जा रहा है'। लेकिन क्या ये सच है? आइए, इसकी सच्चाई जानते हैं।"

Hyderabad deforestation reason

तो,ये वीडियो हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी का है, जिसे ऑफिशियली यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद (UoH) भी कहते हैं। ये भारत के सबसे Reputed educational institutions में से एक है, जो अपनी खूबसूरत हरियाली और Biodiversity के लिए भी जाना जाता है। इस कैंपस में सैकड़ों एकड़ का जंगल है, जहां मोर, हिरण, और कई तरह के पक्षी और जीव-जंतु रहते हैं। लेकिन अब खबरें आ रही हैं कि इस कैंपस की 400 एकड़ जमीन पर तेलंगाना सरकार और यूनिवर्सिटी प्रशासन मिलकर एक बड़ा प्रोजेक्ट शुरू करना चाहते हैं। और ये प्रोजेक्ट है - एक IT पार्क और दूसरी Business Projects। इसके लिए बड़े पैमाने पर पेड़ काटे जा रहे हैं, और यही वजह है कि वीडियो में मोर और पक्षियों की चीखें सुनाई दे रही हैं।" अब सवाल उठता है - ये भूमि विवाद आखिर है क्या? दरअसल, हैदराबाद यूनिवर्सिटी का कैंपस Gachibowli इलाके में है, जो हैदराबाद का एक पॉश और तेजी से डेवलप हो रहा क्षेत्र है। तेलंगाना सरकार का कहना है कि इस 400 एकड़ जमीन का इस्तेमाल IT पार्क और दूसरी Projects  के लिए किया जाएगा, ताकि इलाके में रोजगार बढ़े और Economic Development  हो। लेकिन दूसरी तरफ,Student, Environment lovers , और Local people  इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि ये जमीन यूनिवर्सिटी की है, और इसे प्रकृति और शिक्षा के लिए संरक्षित करना चाहिए, न कि commercial use के लिए बेचना चाहिए।

 Hyderabad central university issue
मार्च 2025 में इस मुद्दे ने तूल पकड़ा, जब छात्रों ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन शुरू किए। लेकिन इन प्रदर्शनों को दबाने के लिए पुलिस ने सख्ती दिखाई - लाठीचार्ज किया गया, 53 छात्रों को हिरासत में लिया गया, और कई घायल भी हुए। Student Union ने इसे Police repression बताया और मांग की कि सरकार इस प्रोजेक्ट को तुरंत रोके।" अब बात करते हैं उस वीडियो की, जिसमें मोर चिल्ला रहे हैं। ये कोई साधारण आवाज नहीं है।Environmental Experts  का कहना है कि जब जंगल काटे जाते हैं, तो वहां रहने वाले जीव-जंतुओं का घर उजड़ जाता है। मोर, जो भारत का राष्ट्रीय पक्षी है, इस कैंपस में बड़ी संख्या में पाए जाते हैं। लेकिन पेड़ों की कटाई की वजह से उनका निवास खतरे में है। वीडियो में उनकी चीखें इस बात का सबूत हैं कि वो डरे हुए हैं, बेचैन हैं, और अपना घर बचाने की गुहार लगा रहे हैं।सिर्फ मोर ही नहीं, इस जंगल में सैकड़ों प्रजातियों के पक्षी, कीड़े-मकोड़े, और छोटे जानवर भी हैं। अगर ये जंगल खत्म हो गया, तो ये सारी Biodiversity कहां जाएगी? क्या development के नाम पर हम प्रकृति को पूरी तरह नष्ट कर देना चाहते हैं?"


 इस मुद्दे पर हैदराबाद यूनिवर्सिटी के छात्रों ने साफ कह दिया है - 'हम अपनी जमीन नहीं देंगे।' उनका कहना है कि ये कैंपस सिर्फ पढ़ाई की जगह नहीं, बल्कि एक Ecosystem है, जो सालों से reserve है। सोशल मीडिया पर #SaveUoH ( university of hydrabaad )और #StopTreeCutting जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। लोग लिख रहे हैं - 'IT पार्क कहीं और बनाओ, जंगल को मत छुओ।' कुछ लोगों ने तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पीएमओ को टैग करके मदद की गुहार भी लगाई है।लेकिन सरकार और यूनिवर्सिटी प्रशासन का रुख सख्त है। उनका कहना है कि ये प्रोजेक्ट जरूरी है और इससे इलाके का विकास होगा। लेकिन सवाल ये है - क्या विकास और पर्यावरण के बीच balance नहीं बनाया जा सकता?"

 

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