संसद में हंगामा और कंगना रनौत का "पत्थरबाज़ी" बयान: सच्चाई क्या है?
आज हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसे मुद्दे की, जिसने भारतीय संसद को हिलाकर रख दिया। जी हां, हम बात कर रहे हैं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर लोकसभा में हुए हंगामे और उस पर बीजेपी सांसद कंगना रनौत के तीखे feedback की । कंगना ने ऐसा क्या कह दिया कि हर तरफ हंगामा मच गया? और क्या वाकई संसद में पत्थर फेंके गए? आइए, इस पूरे मामले को detail से समझते हैं।
तो बात 20 अगस्त 2025 की है। लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 130 constitutional amendment bill पेश कर रहे थे। इस बिल में
Provision था कि अगर कोई प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री या अन्य मंत्री 30 दिनों तक हिरासत में रहते हैं, तो उन्हें इस्तीफा देना होगा, और अगर वे ऐसा नहीं करते, तो 31 डे उनका पद automatically खत्म हो जाएगा। लेकिन जैसे ही अमित शाह ने यह बिल पेश किया, विपक्षी सांसदों ने सदन में जोरदार हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष का कहना था कि सरकार ने बिना उनकी सहमति के यह बिल पेश किया, जिसे वे असंवैधानिक मानते हैं। विपक्षी सांसद वेल में आ गए, नारेबाजी शुरू हो गई, और आरोप है कि इस दौरान बिल की कॉपी फाड़कर गृह मंत्री के मुंह पर फेंकी गई। इतना ही नहीं, बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने तो यह भी दावा किया कि विपक्ष ने न सिर्फ कागज फेंके, बल्कि पत्थर भी फेंके!
अब आते हैं कंगना रनौत की प्रतिक्रिया पर। कंगना, जो हमेशा अपनी बेबाकी के लिए जानी जाती हैं, इस बार भी पीछे नहीं रहीं। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, "जब गृह मंत्री अमित शाह बिल पेश कर रहे थे, विपक्षी सांसदों ने न सिर्फ बिल की कॉपी फाड़कर उनके मुंह पर फेंकी, बल्कि पत्थर भी फेंके। उनके माइक को नोचने की कोशिश की गई, और वहां मौजूद महिलाएं तक उन पर हमला करने लगीं। यह हमारे देश के गृह मंत्री के साथ ऐसा व्यवहार है!"कंगना ने आगे कहा, "संसद में जो दृश्य हमने देखा, वह किसी भी सभ्य समाज को शर्मसार कर देगा।" उनकी इस प्रतिक्रिया ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया। कुछ लोग कंगना के समर्थन में उतर आए, तो कुछ ने उनके "पत्थर फेंके गए" वाले दावे पर सवाल उठाए।
अब सवाल यह है कि क्या वाकई संसद जैसे सुरक्षित स्थान में कोई पत्थर लेकर जा सकता है? कई लोगों ने कंगना के इस दावे पर सवाल उठाए। दूसरी तरफ, टीएमसी सांसद मिताली बैग ने उल्टा बीजेपी पर आरोप लगाया कि उनके सांसदों के साथ धक्का-मुक्की की गई। उन्होंने कहा, "केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और रवनीत बिट्टू ने मुझे पीछे से धक्का दिया, जिसमें मुझे हल्की चोट भी आई।"तो क्या कंगना का दावा Hyperbola था? या फिर वाकई संसद में ऐसा कुछ हुआ? अभी तक इस बात का कोई ठोस सबूत सामने नहीं आया है कि पत्थर फेंके गए थे। लेकिन यह साफ है कि संसद में उस दिन माहौल बेहद तनावपूर्ण था।
इस पूरे मामले में सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा, "सरकार ने हमें बिना बताए बिल पेश किया, जिसका हमने विरोध किया।" वहीं, बीजेपी का कहना है कि विपक्ष ने जानबूझकर हंगामा किया ताकि बिल पर चर्चा न हो सके। कंगना ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी के नेताओं ने इस दौरान बहुत संयम बरता, लेकिन सवाल यह है कि संसद में ऐसी स्थिति क्यों आई? क्या यह बिल इतना विवादास्पद था कि विपक्ष को ऐसा कदम उठाना पड़ा?
अब बात करते हैं सोशल मीडिया की। X पर इस मुद्दे ने खूब सुर्खियां बटोरीं। कुछ यूजर्स ने कंगना के दावे का समर्थन किया, वहीं, @GauravPalRaj
ने कंगना पर तंज कसते हुए कहा, "मैडम, संसद में सुई तक नहीं ले जा सकते, पत्थर की बात तो छोड़िए।"इससे साफ है कि इस घटना ने लोगों को दो खेमों में बांट दिया है। कुछ लोग इसे लोकतंत्र पर हमला मान रहे हैं, तो कुछ इसे कंगना की अतिशयोक्ति बता रहे हैं। क्या आपको लगता है संसद में पत्थर फेंके गए? ये घटना सिर्फ संसद तक सीमित नहीं है। इसका राजनीतिक असर भी देखने को मिल सकता है। हरियाणा में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, और वहां किसान आंदोलन पहले से ही एक बड़ा मुद्दा है। कंगना के बयानों का असर बीजेपी की इमेज पर पड़ सकता है, खासकर तब जब पार्टी ने पहले ही कंगना को उनके कुछ बयानों के लिए चेतावनी दी है। क्या यह घटना विपक्ष को और मजबूत करेगी, या बीजेपी इसे अपने पक्ष में भुनाएगी? यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। कंगना रनौत की प्रतिक्रिया ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वे हमेशा सुर्खियों में रहती हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या संसद में वाकई पत्थर फेंके गए, या यह सिर्फ एक बयानबाजी थी? आपकी राय क्या है? कमेंट में जरूर बताएं।
