राज कुंद्रा की किडनी को "दूषित" बताने वाले फलाहारी बाबा का विवाद: आध्यात्मिकता बनाम बॉलीवुड?
आज हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसे controversy की, जो बॉलीवुड, आध्यात्मिकता और विवादों के बीच तहलका मचा रहा है। जी हां, हम बात कर रहे हैं मथुरा के फलाहारी बाबा के उस सनसनीखेज पत्र की, जिसमें उन्होंने बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी के पति और बिजनेसमैन राज कुंद्रा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। फलाहारी बाबा ने प्रेमानंद महाराज को पत्र लिखकर कहा, "राज कुंद्रा की किडनी मांस और शराब से दूषित है, इसे स्वीकार न करें।आखिर क्या है ये पूरा मामला? क्यों फलाहारी बाबा ने राज कुंद्रा की किडनी को "दूषित" बताया? और प्रेमानंद महाराज का इस पूरे विवाद से क्या कनेक्शन है ? आइए, इस कहानी को शुरू से समझते हैं।
पहले बात करते हैं प्रेमानंद महाराज की। वृंदावन के मशहूर संत प्रेमानंद महाराज लाखों भक्तों के लिए आस्था का केंद्र हैं। उनके प्रवचन सोशल मीडिया पर वायरल रहते हैं, और क्रिकेटर विराट कोहली से लेकर एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा तक उनके भक्तों में शामिल हैं। लेकिन पिछले 10 सालों से प्रेमानंद महाराज गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं। उनकी दोनों किडनियां खराब हो चुकी हैं, और वे डायलिसिस पर हैं। हाल ही में, जब शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा उनके आश्रम पहुंचे, तो राज ने एक भावुक पेशकश की। उन्होंने प्रेमानंद महाराज को अपनी एक किडनी डोनेट करने की इच्छा जताई। राज ने कहा, "मैं पिछले दो सालों से आपको फॉलो कर रहा हूं। आपके वीडियो मेरे हर सवाल का जवाब देते हैं। आप लाखों लोगों के लिए प्रेरणा हैं। मुझे आपकी सेहत की जानकारी है, और अगर मैं कुछ कर सकता हूं, तो मेरी एक किडनी आपके लिए है।
यह पेशकश सुनकर शिल्पा शेट्टी भी हैरान रह गईं, और प्रेमानंद महाराज ने बड़े ही विनम्र अंदाज में इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। उन्होंने कहा, "आपका सुख ही मेरे लिए काफी है लेकिन ये कहानी यहीं खत्म नहीं होती। राज कुंद्रा की इस पेशकश के बाद मथुरा के फलाहारी बाबा, जिनका नाम दिनेश फलाहारी बाबा है, ने प्रेमानंद महाराज को एक पत्र लिखा, जो अब सुर्खियों में है। इस पत्र में फलाहारी बाबा ने राज कुंद्रा की किडनी को "दूषित" बताया और प्रेमानंद महाराज से आग्रह किया कि वे उनकी किडनी स्वीकार न करें।फलाहारी बाबा ने लिखा, "राज कुंद्रा मांस और शराब का सेवन करते हैं, जिसके कारण उनकी किडनी 'तमसिक' यानी अशुद्ध हो गई है। मैं फलाहारी जीवन जीता हूं, केवल फल खाता हूं, और मेरी किडनी पूरी तरह शुद्ध है। अगर आपको किडनी की जरूरत है, तो मेरी किडनी स्वीकार करें।" उन्होंने यह भी कहा कि प्रेमानंद महाराज को ब्रजवासी भगवान के समान मानते हैं, और उनके लिए अपनी जान भी दे सकते हैं। फलाहारी बाबा ने प्रेमानंद महाराज से यह भी अपील की कि वे किसी और की किडनी न लें और उनकी पेशकश पर विचार करें।
अब इस पत्र के बाद सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया। कुछ लोगों ने फलाहारी बाबा के दावे का समर्थन किया, तो कुछ ने इसे राज कुंद्रा के खिलाफ अनावश्यक टिप्पणी बताया। लेकिन राज कुंद्रा ने भी चुप नहीं रहने का फैसला किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर जवाब देते हुए कहा, "यह अजीब दुनिया है, जहां किसी के जीवन को बचाने की कोशिश को PR स्टंट कहा जाता है। अगर दया एक स्टंट है, तो दुनिया को ऐसे और स्टंट चाहिए। मैं अपने अतीत को अपने वर्तमान को परिभाषित नहीं करने दूंगा।" उन्होंने लोगों से कम आलोचना करने और ज्यादा प्रेम करने की अपील की।
अब सवाल यह है कि क्या फलाहारी बाबा का दावा सही है? क्या वाकई राज कुंद्रा की किडनी "दूषित" है, जैसा कि बाबा ने कहा? मेडिकल साइंस के हिसाब से, किडनी डोनेशन से पहले कई टेस्ट किए जाते हैं, और डोनर की जीवनशैली से ज्यादा उनकी सेहत और किडनी की स्थिति मायने रखती है। कुछ लोगों का कहना है कि फलाहारी बाबा का यह पत्र उनकी आध्यात्मिक मान्यताओं पर आधारित है, जिसमें वे मांस और शराब को "तमसिक" मानते हैं। लेकिन कई यूजर्स ने इसे राज कुंद्रा पर व्यक्तिगत हमला बताया। यह विवाद उस समय आया है, जब राज कुंद्रा और शिल्पा शेट्टी पहले से ही एक बड़े विवाद में फंसे हैं। हाल ही में, एक बिजनेसमैन दीपक कोठारी ने उन पर 60 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। कोठारी का दावा है कि उनके द्वारा दिए गए पैसे को शिल्पा और राज ने निजी खर्चों में इस्तेमाल किया। इस मामले की जांच इकोनॉमिक ऑफेंस विंग कर रही है।
इस पूरे मामले ने बॉलीवुड और आध्यात्मिकता के बीच एक नई बहस छेड़ दी है। एक तरफ, कुछ लोग राज कुंद्रा की भावना की तारीफ कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ, फलाहारी बाबा का पत्र और उनके आरोपों ने इस मामले को और पेचीदा बना दिया। क्या यह वाकई आध्यात्मिक मान्यताओं का मामला है, या फिर राज कुंद्रा को बदनाम करने की कोशिश? सोशल मीडिया पर यह मामला दो खेमों में बंट गया है। कुछ लोग फलाहारी बाबा के समर्थन में हैं, तो कुछ राज कुंद्रा के पक्ष में। "क्या आपको लगता है फलाहारी बाबा का राज कुंद्रा पर आरोप सही है? फलाहारी बाबा का राज कुंद्रा पर यह आरोप कितना सही है, और प्रेमानंद महाराज इस मामले में क्या फैसला लेंगे, यह तो वक्त ही बताएगा। लेकिन आपकी क्या राय है? क्या राज कुंद्रा की पेशकश एक PR स्टंट थी, या फलाहारी बाबा का दावा hyperbole है? कमेंट में जरूर बताएं।
