‘पंचायत सीज़न 4’ की एंडिंग ने फैंस को किया निराश, फिनाले को मिली अब तक की सबसे कम रेटिंग

Fans disappointed with Panchayat 4 ending

 
Fans disappointed with Panchayat 4 ending

Panchayat 4 finale receives lowest rating

अगर आप वेब सीरीज़ ‘पंचायत’ के फैन हैं, तो संभव है कि आपने हाल ही में रिलीज़ हुआ सीज़न 4 ज़रूर देखा होगा। लेकिन इस बार, दर्शकों का रिएक्शन पहले जितना पॉज़िटिव नहीं रहा। खासतौर पर फिनाले एपिसोड ‘दबदबा’ को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने नाराज़गी जताई है। और तो और, IMDb पर इस एपिसोड को अब तक की सबसे कम रेटिंग (8.4) मिली है।

इस लेख में हम जानेंगे कि आख़िर क्यों 'पंचायत सीज़न 4' की एंडिंग ने फैंस को निराश किया। क्या वजह रही कि इतना पॉपुलर शो इस बार उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया?

 ‘पंचायत’ – एक दिल से जुड़ी कहानी

‘पंचायत’ उन चुनिंदा वेब सीरीज़ में से एक है, जिसने गांव की सादगी, ह्यूमर और इमोशंस को बड़े ही खूबसूरत अंदाज़ में दिखाया। जितेंद्र कुमार, नीना गुप्ता, रघुबीर यादव और फैसल मलिक जैसे कलाकारों ने फुलेरा गांव को घर-घर का हिस्सा बना दिया।

  • सीज़न 1 और 2 को IMDb पर क्रमशः 8.8 और 9.6 की रेटिंग मिली थी।

  • सीज़न 3 के फिनाले को भी 9.0 का स्कोर मिला।

  • लेकिन सीज़न 4 का फिनाले ‘दबदबा’, केवल 8.4 पर ठहर गया।

 सीज़न 4 की कहानी में क्या था?

इस बार कहानी का केंद्र बना पंचायत चुनाव। मंजू देवी (नीना गुप्ता) और क्रांति देवी (सुनीता राजवार) के बीच टक्कर, सचिव जी (जितेंद्र कुमार) की CAT परीक्षा की चिंता, और भूषण (दुर्गेश कुमार) की साज़िशें – ये सब सीजन के अहम हिस्से रहे।

हालांकि फैंस को ऐसा महसूस हुआ कि इस बार कहानी में पहले जैसा दिल छू जाने वाला जादू नहीं था।

फिनाले में क्या कमी रह गई?

1. कहानी का अधूरापन

सीज़न 3 में जो बड़ा सवाल उठाया गया था — प्रधान जी को गोली किसने मारी थी — उसे इस सीजन में पूरी तरह नज़रअंदाज़ कर दिया गया। इससे दर्शकों को अधूरापन महसूस हुआ।

2. किरदारों की केमिस्ट्री हुई फीकी

सचिव जी, प्रह्लाद, विकास और प्रधान जी की दोस्ती, जो इस सीरीज़ की जान थी, इस बार उतनी दिलचस्प नहीं लगी। प्रह्लाद चाचा और बनराकस की कॉमिक टाइमिंग भी इस बार कुछ कमजोर पड़ी।

3. चुनावी ड्रामे की भरमार

पंचायत चुनाव को सीज़न के केंद्र में रखा गया, लेकिन कई दर्शकों ने इसे ज़रूरत से ज़्यादा खींचा हुआ बताया।

4. सचिव जी और रिंकी की कहानी में ठहराव

हालांकि इस बार दोनों ने अपने दिल की बात कही, लेकिन उनके रिश्ते में कोई ठोस प्रगति नहीं दिखी, जिससे रोमांटिक एंगल अधूरा सा लगा।

कुछ कमियां के बावजूद देखने लायक क्यों है?

भले ही 'पंचायत सीज़न 4' का फिनाले कुछ दर्शकों को निराश कर गया, लेकिन इसकी सादगी, अभिनय और फुलेरा की दुनिया अभी भी लोगों को बांधे रखती है। यह सीरीज़ उस शहरी भीड़भाड़ से दूर, एक अलग ही सुकून देती है।

 आपकी राय क्या है?

क्या आपको भी 'दबदबा' एपिसोड में कुछ अधूरा सा लगा? या फिर आप अब भी इस शो को उतना ही पसंद करते हैं? कमेंट में अपनी राय ज़रूर बताएं!

Tags