Gauri Khan's Posh Restaurant Torii Reacts to fake paneer found in their Dish :Gauri Khan के रेस्टोरेंट में नकली पनीर?

Gauri Khan के  रेस्टोरेंट में नकली पनीर?

 
 gauri khan restaurant in mumbai


आज हम बात करने वाले हैं बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान की पत्नी गौरी खान के लग्जरी रेस्टोरेंट 'टोरी' को लेकर एक सनसनीखेज विवाद की। जी हां, एक यूट्यूबर ने दावा किया है कि इस हाई-प्रोफाइल रेस्टोरेंट में नकली पनीर परोसा जा रहा है!  लेकिन रुकिए, गौरी खान की टीम ने भी इस पर जवाब दिया है और इस दावे का खंडन किया है। तो आखिर क्या है इस नकली पनीर का सच? क्या ये  सिर्फ एक पब्लिसिटी स्टंट है, या फिर कुछ और? आइए, इस कहानी को शुरू से समझते हैं। और हां, वीडियो को लाइक और चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें! चलिए शुरू करते हैं!"सबसे पहले, थोड़ा बैकग्राउंड। टोरी रेस्टोरेंट मुंबई के पॉश इलाके बांद्रा में स्थित एक पैन-एशियन रेस्टोरेंट है, जिसे गौरी खान ने पिछले साल लॉन्च किया था। ये रेस्टोरेंट अपने शानदार इंटीरियर्स, लग्जरी वाइब्स और हाई-प्रोफाइल मेहमानों के लिए जाना जाता है। बॉलीवुड सितारे जैसे करण जौहर, मलाइका अरोड़ा, और यहां तक कि शाहरुख खान खुद भी यहां स्पॉट किए जा चुके हैं। 82 सीटों वाला ये रेस्टोरेंट अपनी प्रीमियम डाइनिंग एक्सपीरियंस के लिए मशहूर है। लेकिन अब ये एक ऐसे विवाद में फंस गया है, जिसने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है।""तो हुआ क्या? एक फूड ब्लॉगर और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर सार्थक सचदेवा ने टोरी रेस्टोरेंट का दौरा किया और वहां के पनीर को टेस्ट करने का दावा किया। और फिर जो हुआ, उसने इंटरनेट पर बवाल मचा दिया!"


 सार्थक सचदेवा, जो एक पॉपुलर फूड ब्लॉगर और यूट्यूबर हैं, ने अपने इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर एक वीडियो शेयर किया। इस वीडियो में वो टोरी रेस्टोरेंट में परोसे गए पनीर पर आयोडीन टिंचर टेस्ट करते नजर आ रहे हैं। ये टेस्ट आमतौर पर स्टार्च की मौजूदगी को चेक करने के लिए किया जाता है। सार्थक ने दिखाया कि जब उन्होंने पनीर पर आयोडीन डाला, तो पनीर का रंग काला और नीला हो गया। उनका दावा था कि ये इस बात का सबूत है कि टोरी में नकली या मिलावटी पनीर परोसा जा रहा है।""सार्थक ने ये भी बताया कि उन्होंने इससे पहले विराट कोहली के रेस्टोरेंट One8 Commune , शिल्पा शेट्टी के Bastian,  और बॉबी देओल के Someplace Else में भी पनीर का टेस्ट किया था, और वहां का पनीर उनके टेस्ट में पास हो गया। लेकिन टोरी का पनीर फेल हो गया। सार्थक ने अपने वीडियो में कहा, 'ये देख के मेरे तो होश उड़ गए थे।' और बस, ये वीडियो वायरल हो गया! सोशल मीडिया पर लोग इसे शेयर करने लगे, और टोरी रेस्टोरेंट चर्चा का केंद्र बन गया।""कुछ यूजर्स ने सार्थक की तारीफ की और कहा कि वो फूड इंडस्ट्री में Transparency ला रहे हैं। लेकिन कुछ लोगों ने उनकी आलोचना भी की। एक यूजर ने कमेंट किया, 'भाई, तुम यूट्यूबर हो, साइंटिस्ट नहीं!' तो सवाल ये है: क्या सार्थक का दावा सही है, या ये सिर्फ एक सनसनी फैलाने की कोशिश है?"


जैसे ही सार्थक का वीडियो वायरल हुआ, टोरी रेस्टोरेंट की मैनेजमेंट ने इस पर रिएक्ट किया। उन्होंने सार्थक की पोस्ट के कमेंट सेक्शन में और ऑफिशियल स्टेटमेंट के जरिए जवाब दिया। उनकी टीम ने कहा, 'आयोडीन टेस्ट स्टार्च की मौजूदगी को दर्शाता है, न कि पनीर की Authenticity को। हमारी डिश में सोया-बेस्ड इंग्रीडियंट्स का इस्तेमाल होता है, जिसके कारण आयोडीन टेस्ट में ऐसा रिएक्शन आना सामान्य है। हम अपने पनीर की purity और टोरी में इस्तेमाल होने वाला Material की quality के साथ पूरी तरह खड़े हैं।'"टोरी की टीम ने ये भी जोड़ा कि उनका रेस्टोरेंट हाई क्वालिटी स्टैंडर्ड्स फॉलो करता है, और वो अपने Customers को बेहतरीन एक्सपीरियंस देने के लिए Committed हैं। गौरी खान ने अभी तक इस मामले पर पर्सनली कोई कमेंट नहीं किया है, लेकिन उनकी टीम का जवाब साफ है कि ये दावा गलत है और टेस्ट को गलत समझा गया।"अब ये बात काफी टेक्निकल हो रही है, तो चलिए इसे थोड़ा आसान करते हैं। Experts के मुताबिक, आयोडीन टेस्ट से स्टार्च का पता तो चल सकता है, लेकिन ये जरूरी नहीं कि पनीर नकली हो। अगर डिश में सोया या कोई दूसरा इंग्रीडियंट है, तो टेस्ट में रंग बदलना नॉर्मल है। तो क्या सार्थक ने जल्दबाजी में नकली पनीर का दावा कर दिया?"


"मेरा मानना है कि इस मामले में दोनों पक्षों की बातों में कुछ न कुछ सच्चाई हो सकती है। सार्थक ने शायद जल्दबाजी में नकली पनीर का दावा कर दिया, लेकिन उनकी कोशिश फूड क्वालिटी पर सवाल उठाने की थी। वहीं, टोरी की टीम ने साफ किया कि उनका प्रोडक्ट हाई क्वालिटी का है। लेकिन सवाल ये है: क्या इस विवाद से टोरी की इमेज पर फर्क पड़ेगा? क्या लोग अब वहां खाने से पहले दो बार सोचेंगे?""और सबसे बड़ा सवाल: क्या ये पूरा मामला सिर्फ एक यूट्यूबर की व्यूज की भूख है, या फिर फूड इंडस्ट्री में पारदर्शिता की जरूरत का सबूत? आप क्या सोचते हैं? कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं!"

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