Harsh Rajput Youtuber Success Story : एक बिहारी सब पर भारी
Harsh Rajput Dhakad News

Harsh Rajput Youtuber Success Story
एक छोटे से गांव से निकलकर यूट्यूब की दुनिया में तहलका मचा दिया। एक ऐसा लड़का, जिसके पास ना तो कोई बड़ा बैकग्राउंड था, ना ही कोई गॉडफादर, फिर भी उसने अपनी मेहनत और Creativity से लाखों दिल जीते और अपनी फैमिली का नाम रोशन किया। जी हां, हम बात कर रहे हैं हर्ष राजपूत की, जिन्हें आप धाकड़ न्यूज़ के धर्मेंद्र धाकड़ के नाम से जानते हैं। तो चलिए, शुरू करते हैं उनकी inspirational success story !""हर्ष राजपूत का जन्म बिहार के औरंगाबाद जिले के Jasoiya गांव में हुआ। उनकी family बहुत नॉर्मल थी हर्ष के पिता एक होमगार्ड थे और ड्राइवर के तौर पर काम करते थे। घर की financial situation इतनी अच्छी नहीं थी कि हर्ष बड़े-बड़े सपने देख सकें। लेकिन हर्ष के मन में कुछ कर दिखाने की आग थी।
हर्ष ने अपनी पढ़ाई औरंगाबाद के Sachchidananda Sinha College से पूरी की, जहां उन्होंने Zoology में ग्रेजुएशन किया। इसके बाद, वो UPSC की तैयारी के लिए दिल्ली चले गए। दिल्ली में उन्होंने अस्मिता थिएटर ग्रुप जॉइन किया और नाटकों में काम शुरू किया। लेकिन फिर आया साल 2020, जब कोरोना ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया।" लॉकडाउन की वजह से हर्ष की जॉब चली गई। वो वापस अपने गांव लौट आए। घर की financial conditionऔर खराब हो गई। इतना ही नहीं, उनके परिवार पर लिया गया लोन इतना बढ़ गया था कि घर नीलाम होने की नौबत आ गई थी। लेकिन यही से शुरू होती है हर्ष की असली कहानी।"
2020 में जब हर्ष गांव लौटे, उनके पास कोई जॉब नहीं थी। लेकिन उनके पास था एक स्मार्टफोन और कुछ करने का जुनून। लॉकडाउन में लोग घरों में बंद थे, और सोशल मीडिया का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा था। हर्ष ने सोचा, क्यों न यूट्यूब पर कुछ नया ट्राई किया जाए? उन्होंने धाकड़ न्यूज़ नाम से एक यूट्यूब चैनल शुरू किया। उनका कॉन्सेप्ट था बिल्कुल यूनिक। वो एक फर्जी पत्रकार 'धर्मेंद्र धाकड़' का किरदार निभाते थे, जो मजेदार और स्क्रिप्टेड वीडियो में सामाजिक मुद्दों पर कॉमेडी करता था। उनके वीडियो में गालियां और देसी अंदाज होता था, लेकिन साथ ही वो भ्रष्टाचार और गलत कामों पर तंज भी कसते थे। उनका पहला वीडियो, जो रातों-रात वायरल हो गया, था 'लॉकडाउन में डेयरी मिल्क खरीदने पर'। इस वीडियो को लाखों व्यूज मिले। लोगों को उनका देसी अंदाज और बेबाक कॉमेडी इतनी पसंद आई कि वो धीरे-धीरे स्टार बन गए।
हर्ष के वीडियो में एक खास बात थी - वो स्क्रिप्टेड होने के बावजूद इतने रियल लगते थे कि लोग शुरुआत में सोचते थे कि ये कोई असली न्यूज़ चैनल है। लेकिन जैसे-जैसे लोगों को पता चला कि ये मनोरंजन के लिए है, उनकी फैन फॉलोइंग और बढ़ती गई।लेकिन, हर सक्सेस स्टोरी में कुछ रुकावटें भी आती हैं। हर्ष के साथ भी ऐसा ही हुआ। उनके वीडियो में गालियों और बोल्ड कंटेंट की वजह से उन्हें काफी आलोचना भी झेलनी पड़ी।"सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने उन्हें ट्रोल किया, उनके कंटेंट को अश्लील बताया। लेकिन हर्ष ने कभी हार नहीं मानी। वो जानते थे कि उनका कंटेंट एक खास ऑडियंस के लिए है, और वो उसी को टारगेट करते थे। उन्होंने अपने वीडियो की शुरुआत में चेतावनी देना शुरू किया कि उनके वीडियो में कुछ बोल्ड कंटेंट हो सकता है, जो हर किसी को पसंद नहीं आएगा। इसके अलावा, यूट्यूब की सख्त पॉलिसी की वजह से कई बार उनके वीडियो पर स्ट्राइक भी आए। लेकिन हर्ष ने हर बार खुद को और बेहतर बनाया और अपने कंटेंट को और क्रिएटिव किया।"
आज हर्ष राजपूत का यूट्यूब चैनल धाकड़ न्यूज़ पर 33 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं। उनके सबसे पॉपुलर वीडियो को 2 करोड़ से ज्यादा बार देखा जा चुका है। लेकिन उनकी सक्सेस सिर्फ व्यूज और सब्सक्राइबर्स तक सीमित नहीं है। हर्ष ने यूट्यूब से इतनी कमाई की कि उन्होंने अपने परिवार का लोन चुकाया और घर को नीलाम होने से बचाया। इतना ही नहीं, उन्होंने अपने सपनों को सच करते हुए 50 लाख रुपये की ऑडी A4 कार खरीदी। और सबसे मजेदार बात? उन्होंने अपनी इस कार को अपने गांव के तबेले में गायों के बगल में खड़ा किया, जिसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई। हर्ष की कमाई का जरिया सिर्फ यूट्यूब एडसेंस नहीं है। वो ब्रांड प्रमोशन्स से भी अच्छी खासी कमाई करते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, जून से अक्टूबर 2022 के बीच उन्होंने हर महीने औसतन 4.5 लाख रुपये कमाए। और एक महीने में तो उनकी कमाई हर्ष राजपूत की कहानी हमें सिखाती है कि अगर आपके पास टैलेंट और मेहनत करने का जुनून है, तो कोई भी मुश्किल आपको रोक नहीं सकती। चाहे आप किसी छोटे से गांव से हों या बड़े शहर से, अगर आप अपने काम में मेहनत और ईमानदारी से जुट जाएं, तो कामयाबी जरूर मिलेगी। हर्ष ने ये भी दिखाया कि अपने कंटेंट को यूनिक और ऑथेंटिक बनाना कितना जरूरी है। उनका देसी अंदाज और बेबाक अंदाज ही उनकी सबसे बड़ी ताकत है। और सबसे जरूरी बात, उन्होंने कभी अपनी जड़ों को नहीं भुलाया। वो आज भी अपने गांव से जुड़े हुए हैं और अपनी फैमिली को सबसे पहले प्राथमिकता देते हैं।"