Powered by myUpchar
Kunal Kamra Approaches Bombay High Court Over FIR Against Him :मांग को पूरा कराने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंचे कुणाल कामरा
Kunal kamra controversy

kunal kamra eknath shinde comedy
आज हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसे मुद्दे की, जो पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया से लेकर कोर्ट तक चर्चा का विषय बना हुआ है। जी हां, हम बात कर रहे हैं स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा की, जिन्होंने हाल ही में बॉम्बे हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है। उनकी मांग? उनके खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करना। लेकिन सवाल ये है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि कुणाल को कोर्ट की शरण लेनी पड़ी? और ये FIR क्यों और कैसे दर्ज हुई? चलिए, इस कहानी को शुरू से समझते हैं। सबसे पहले बात करते हैं उस घटना की, जिसने इस पूरे विवाद को जन्म दिया। 23 मार्च 2025 को कुणाल कामरा ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो अपलोड किया। इस वीडियो का नाम था "नया भारत"। इस स्टैंड-अप शो में कुणाल ने कई पॉलिटिकल जोक्स किए, लेकिन एक खास सेगमेंट ने सबका ध्यान खींचा। इसमें उन्होंने फिल्म "दिल तो पागल है" के मशहूर गाने "भोली सी सूरत" का एक पैरोडी वर्जन पेश किया। इस पैरोडी में "गद्दार" जैसे शब्दों का इस्तेमाल था। कुणाल ने इस गाने में किसी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन इसे महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे पर तंज के तौर पर देखा गया।
अब ये वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, महाराष्ट्र की सियासत में भूचाल आ गया। एकनाथ शिंदे के समर्थक, खासकर शिवसेना (शिंदे गुट) के कार्यकर्ता, इसे अपने नेता का अपमान मानकर सड़कों पर उतर आए। 24 मार्च को मुंबई के खार इलाके में स्थित "हैबिटेट कॉमेडी क्लब" और "Hotel Unicontinental " में तोड़फोड़ की गई, जहां कुणाल का ये शो रिकॉर्ड हुआ था। शिवसैनिकों का कहना था कि कुणाल ने एकनाथ शिंदे की छवि को धूमिल करने की कोशिश की है। इसके बाद खार पुलिस स्टेशन में कुणाल के खिलाफ एक FIR दर्ज की गई। शिकायतकर्ता थे शिवसेना विधायक मुरजी पटेल, जिन्होंने इसे मानहानि और सार्वजनिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मामला बताया। इस बीच, कुणाल ने अपनी सुरक्षा के लिए मद्रास हाई कोर्ट का रुख किया। उन्होंने वहां ट्रांजिट अग्रिम ज़मानत की मांग की, क्योंकि वो तमिलनाडु के स्थायी निवासी हैं। 1 अप्रैल को मद्रास हाई कोर्ट ने उन्हें 7 अप्रैल तक की अंतरिम अग्रिम जमानत दे दी। इसका मतलब था कि इस तारीख तक मुंबई पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकती। लेकिन कुणाल की मुश्किलें यहीं खत्म नहीं हुईं। उनके खिलाफ महाराष्ट्र में कुल चार FIR दर्ज हो चुकी हैं, जिनमें से एक जलगांव और दो नासिक से भी हैं।
अब आते हैं ताजा घटनाक्रम पर। 7 अप्रैल 2025 को कुणाल कामरा ने बॉम्बे हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की। इस याचिका में उन्होंने मुंबई पुलिस द्वारा खार थाने में दर्ज FIR को रद्द करने की मांग की। कुणाल का तर्क है कि उनकी टिप्पणी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे में आती है, जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 और 21 के तहत उनका मौलिक अधिकार है। उन्होंने कहा कि उनके वीडियो में किसी का नाम नहीं लिया गया था और ये सिर्फ एक व्यंग्य था, जिसे गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। इस मामले की सुनवाई अब 21 अप्रैल को बॉम्बे हाई कोर्ट में होनी है। लेकिन , ये मामला सिर्फ कुणाल कामरा तक सीमित नहीं है। ये सवाल उठाता है कि क्या भारत में कॉमेडियंस को अपनी बात कहने की आजादी है? कुणाल ने अपने एक बयान में कहा, "नेताओं का मजाक उड़ाना गैरकानूनी नहीं है। मैं माफी नहीं मांगूंगा, जब तक कि कोर्ट मुझे ऐसा करने का आदेश न दे।" दूसरी तरफ, महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि कुणाल को अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए। वहीं, शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत ने कुणाल का समर्थन करते हुए कहा कि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया और तोड़फोड़ करना गलत है।
अब सवाल ये है कि क्या कुणाल की ये लड़ाई उन्हें राहत दिला पाएगी? या फिर ये विवाद और गहरा होगा? बॉम्बे हाई कोर्ट का फैसला इस मामले में एक नजीर साबित हो सकता है। अगर कुणाल की FIR रद्द होती है, तो ये अभिव्यक्ति की आजादी के पक्ष में एक बड़ी जीत होगी। लेकिन अगर कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया, तो कॉमेडियंस के लिए भविष्य में ऐसे जोक्स करना मुश्किल हो सकता है।