पवन सिंह का इमोशनल मोमेंट: “आज भी गरीब हूं…” — जानिए क्यों रो पड़े भोजपुरी के 'पावर स्टार'

लेकिन इस बार पवन सिंह की बातें इमोशनल हैं, दिल को रुला देने वाली। रियलिटी शो 'I-Popstar' में पवन सिंह ने आंसू बहाते हुए कहा, "मैं बहुत गरीब फैमिली से था, आज भी गरीब हूं... मेरे पास ज्यादा पैसा नहीं है।" और फिर उन्होंने 13 साल पुरानी बॉलीवुड के ही-मैन धर्मेंद्र की वो सीख याद की, जो आज भी उनकी जिंदगी का मंत्र है। ये सिर्फ एक इंटरव्यू नहीं, बल्कि संघर्ष की कहानी है - गरीबी से सुपरस्टारडम तक का सफर, लेकिन दिल में वही सादगी। इस वीडियो में हम न सिर्फ पवन सिंह के इस इमोशनल मोमेंट का पूरा ब्रेकडाउन करेंगे, बल्कि उनकी जिंदगी के उतार-चढ़ाव, धर्मेंद्र से मुलाकात की पूरी स्टोरी, और ये भी देखेंगे कि क्यों ये बातें आज के दौर में इतनी रेलेवेंट हैं।
पवन सिंह का नाम भोजपुरी इंडस्ट्री में तूफान की तरह आया। जन्म 5 जनवरी 1986 को बिहार के आरा जिले के पकरी गांव में हुआ। तीन भाइयों में सबसे छोटे पवन का परिवार बेहद गरीब था। पिता रामाशंकर सिंह किसान थे, और घर की हालत ऐसी कि खाने को दो वक्त की रोटी भी मुश्किल से मिलती। लेकिन पवन के अंदर संगीत का जुनून था। मात्र 11 साल की उम्र में 1997 में उनका पहला एल्बम 'ओढ़निया वाली' रिलीज हुआ। वो हिट नहीं हुआ, लेकिन पवन को पहचान मिली। फिर आया सिलसिला - 'ससुरा बड़ा पैसावाला' (2004) से भोजपुरी सिनेमा में डेब्यू। गाने जैसे 'लॉलीपॉप लागेलु', 'रातरुलइया' ने उन्हें सुपरस्टार बना दिया। आज पवन ने 100 से ज्यादा एल्बम्स, 50+ फिल्में की हैं। बॉलीवुड में भी एंट्री - 2024 में 'विक्की विद्या का वो वाला वीडियो' का 'चुम्मा' सॉन्ग और 'स्त्री 2' का 'काटी रात मैंने खेतों में' हिट।
उन्हें 'पावर स्टार' क्यों कहते हैं? क्योंकि उनकी आवाज में वो देसी पावर है जो लाखों दिलों को बांध लेती है। लेकिन ये सब रातोंरात नहीं हुआ। मुंबई में तीन-तीन दिन भूखे रहने की कहानियां, दर-दर भटकना - पवन ने सब सहा। और आज भी, जब वो स्टेज पर चमकते हैं, तो दिल में वही गरीबी की यादें ताजा हो जाती हैं। आज भी गरीब हूं..." क्यों कहा?अब आते हैं हाल की घटना पर। 28 अक्टूबर 2025 को रियलिटी शो 'I-Popstar' के एक एपिसोड में पवन सिंह जज की कुर्सी पर बैठे थे। एक कंटेस्टेंट ने अपनी परफॉर्मेंस के बाद कहा, "अगर मेरे दादाजी आज जिंदा होते, तो उन्हें देखकर कितना अच्छा लगता।" ये बात सुनते ही पवन का गला रुँध गया। आंसूओं से भरी आंखों से उन्होंने कहा, "जैसे तुम्हें लग रहा है कि आज दादाजी होते तो कितना अच्छा लगता, इस बात पर मुझे मेरे घर की याद आ गई। मैं बहुत गरीब फैमिली से था, आज भी गरीब हूं। मेरे पास ज्यादा पैसा नहीं है।
ये लाइनें सुनकर पूरा स्टूडियो सन्न रह गया। पवन सिंह, जो करोड़ों कमाते हैं, आज भी खुद को 'गरीब' क्यों कहते हैं? ये सिर्फ पैसे की बात नहीं। पवन ने बताया कि सफलता के बावजूद वो वही सादगी रखते हैं। गरीबी ने उन्हें सिखाया कि पैसा आता-जाता है, लेकिन जड़ें मजबूत रखनी चाहिए। शो में वो रोते हुए बोले, "परेशानियां हर किसी की जिंदगी में आती हैं। मैं मुंबई में तीन दिन भूखा रहा, लेकिन हार नहीं माना।" ये मोमेंट वायरल हो गया - लाखों व्यूज, फैंस के मैसेज। कुछ ने ट्रोल किया, बोले "सुपरस्टार होकर गरीबी का रोना?", लेकिन ज्यादातर ने सपोर्ट किया। पवन की ये ईमानदारी ही तो उन्हें 'पावर स्टार' बनाती है। पवन सिंह ने शो में ही 13 साल पुरानी याद ताजा की। साल 2012 में पवन की पहली हिंदी फिल्म 'देश-परदेस' में धर्मेंद्र के साथ काम करने का मौका मिला। सेट पर वैनिटी वैन में मिलने गए पवन। उनके लिए धर्मेंद्र भगवान जैसे थे। वहां धर्मेंद्र ने पवन से कहा, "बेटा, हमेशा सीना चौड़ा करके मत चलो। सिर झुकाकर चलो। सफलता मिलेगी, लेकिन अहंकार मत लाना। गरीबी से आए हो, तो वही दिल रखना।"ये बातें पवन को आज तक याद हैं। शो में वो भावुक होकर बोले, "धर्म पाजी की वो सीख मेरी जिंदगी का हिस्सा है।
आज भी जब मैं स्टेज पर जाता हूं, तो सिर झुकाकर ही चलता हूं।" 13 साल बाद भी ये सीख इतनी फ्रेश क्यों? क्योंकि पवन की जिंदगी में उतार-चढ़ाव आए - पहली पत्नी नीलम सिंह की 2015 में सुसाइड, 2018 में ज्योति सिंह से शादी जो अब तलाक के कगार पर। राजनीति में एंट्री, BJP टिकट न मिलना, पत्नी ज्योति का काराकाट से नामांकन। लेकिन धर्मेंद्र की बात ने उन्हें ग्राउंडेड रखा। पवन ने कहा, "पैसे कमाए, लेकिन गरीबी की सीख नहीं भूली।
पवन सिंह ने ये बात क्यों कही? क्योंकि आज के दौर में सक्सेस स्टोरीज में स्ट्रगल भूल जाते हैं। पवन की जिंदगी एक ओपन बुक है। बचपन में गरीबी, फिर संगीत की दुनिया में स्ट्रगल। विवाद भी कम नहीं - अक्षरा सिंह से ब्रेकअप, अंजली राघवन के साथ कमर छूने का आरोप, खेसारी लाल यादव से दुश्मनी। पत्नी ज्योति ने हाल ही में कहा, "वो मेरे पति हैं, तलाक नहीं होने दूंगी।" राजनीति में BJP जॉइन, लेकिन टिकट न मिला। फिर भी पवन कहते हैं, "मैं गरीब ही हूं, क्योंकि दिल साफ है।"ये बातें युवाओं को इंस्पायर करती हैं -
इस पूरी स्टोरी से साफ है - सक्सेस कभी गरीबी को मिटा नहीं सकती। पवन सिंह जैसे सितारे हमें याद दिलाते हैं कि जड़ें मजबूत रखो। धर्मेंद्र की सीख - "सिर झुकाकर चलो" - आज हर स्ट्रगलर के लिए मंत्र है। भोजपुरी इंडस्ट्री में पवन ने नई ऊंचाइयां छुईं, लेकिन इंसानियत नहीं खोई। आने वाले दिनों में उनकी फिल्में और गाने देखने को मिलेंगे, लेकिन ये इमोशनल साइड उन्हें और करीब लाती है।
आपकी क्या राय है? कमेंट्स में बताएं - पवन सिंह की स्टोरी से क्या सीख मिली ?
