Pushpa 2 Movie Review in Hindi : सच में वाइल्ड फायर है 'पुष्पाराज', अल्लू अर्जुन की एक्टिंग देख रह जायेंगे दंग
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Pushpa 2 Movie Review in Hindi : जिस पल का cinema lover इतने लॉन्ग टाइम से वेट कर रहे थे, वो फाइनली आज आ गया है। क्यूंकि बड़े पर्दे पर पुष्पाराज लौट आया है यानी अल्लू अर्जुन स्टारर मोस्ट अवेटेड मूवी पुष्पा 2 आज थियेटर्स में रिलीज हो गई है। और फैंस में पुष्पा-द रूल को लेकर जबरदस्त क्रेज नजर आ रहा है। क्यूंकि बंपर एडवांस बुकिंग को लेकर इस मूवी की चर्चा खूब हुई है। अब ऐसे में अगर आप भी पुष्पा पार्ट 2 को देखने का प्लान कर रहे हैं तो सबसे पहले हमारा ये मूवी रिव्यू जरूर देखकर जाइये, जो आपको बताएगा कि सच में इस बार पुष्पाराज फायर नहीं बल्कि वाइल्ड फायर है।
पुष्पा 2 का छाया ट्रेंड
पुष्पा 1 अल्लू अर्जुन की वो मूवी थी, जिसे देखने के बाद राजेश खन्ना के ‘पुष्पा’, आई हेट टीयर्स जैसे एवरग्रीन डायलॉग को भी हमने भुला दिए थे. और पुष्पा के पहले पार्ट के रिलीज होने के बाद से अब तक भारत में हर बच्चा पुष्पा नाम समझकर ”फ्लावर समझे क्या, फायर है मैं” जैसा ये डायलॉग बड़े स्वैग के ही साथ बोलता हुआ नजर आता है. क्यूंकि 3 साल पहले रिलीज हुई ‘पुष्पा द राइज’ ने अपनी सक्सेस से बॉलीवुड को बहुत बड़ा सबक सिखाया था. इस मूवी ने आंख बंद कर हॉलीवुड ट्रेंड फॉलो करने वाली हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को बता दिया था कि वो आम लोगों के लिए फिल्में बनाना भूल गए हैं.
सिखाया महिलाओं का सम्मान
और पुष्पा द राइज’ ने मुझे उस एंग्री यंग मैन हीरो से मिलवाया, जो हिंदी मूवीज से missing हो गए थे. अब जिसे पुष्पा द राइज पसंद आई हो, उसका पुष्पा द रूल देखना तो भाई बनता ही है. तो फिर क्या था ये फिल्म भी देख डाली और इस फिल्म ने मुझे निराश, बिल्कुल भी नहीं किया. और यकीन माने Story, directing, cinematography और music के मामले में अगर पुष्पा द राइज फायर थी, तो पुष्पा द रूल वाइल्डफायर है. वैसे रश्मिका मंदाना अच्छी हैं. लेकिन पूरी मूवी में अल्लू अर्जुन से मेरी नज़र नहीं हटी. वैसे सच बताऊं तो साउथ की मूवीज से मुझे अक्सर ये शिकायत रहती है कि इन मूवीज में महिलाओं का सम्मान नहीं होता, लेकिन अल्लू अर्जुन और सुकुमार ने मुझे सरप्राइज कर दिया.
क्यूंकि इन दोनों ने इस मूवी में कुछ ऐसा कर दिखाया है कि जिसे करना किसी भी सुपरस्टार के लिए आसान नहीं है. लेकिन अल्लू अर्जुन ने वो हिम्मत दिखाई. और इस फिल्म में जिस तरह से महिलाओं को सम्मान दिया गया है, तो मुझे लगता है हर साउथ के फिल्म मेकर्स को इससे कुछ सीखना चाहिए. ये एक शानदार मूवी है और इस फिल्म के साथ अल्लू अर्जुन ने इंडस्ट्री में एक नए ट्रेंड की शुरुआत कर दी है. तो चलिए अब आपका इंतजार सातवें आसमान पर पहुंचे, उसके पहले हम इसकी स्टोरी बताते हैं.
कैसी है फिल्म की कहानी
तो अगर मैं कहानी की बात करूँ तो रक्त चंदन की तस्करी करने वाले पुष्पराज यानि अल्लू अर्जुन की कहानी अब आगे बढ़ गई है. क्यूंकि अब पुष्पा वो मजदूर नहीं रहा, अब वो बड़ा आदमी बन गया है. लेकिन आज भी श्रीवल्ली यानि रश्मिका मंदाना उसे अपनी उंगलियों पर नचाती हैं. और अब पुष्पा के एक इशारे पर राज्य का सीएम भी बदलता है. लेकिन उसके इस ‘बिजनेस’ को लगा एसपी भंवर सिंह शेखावत यानि फहद फासिल नाम का ग्रहण आज भी कायम है. जिसमे पुष्पा आगे-आगे और शेखावत उसके पीछे. वहीँ जिस तरह से पुष्पा में अल्लू अर्जुन और रश्मिका मंदाना के बीच एक बहुत ही खूबसूरत केमिस्ट्री नजर आती हैं, उससे भी बेहतरीन केमिस्ट्री अल्लू अर्जुन और सुकुमार के बीच में हैं. लेकिन फर्क सिर्फ इतना है कि इसे हम देख तो नहीं सकते. लेकिन फिर भी फिल्म देखते हुए हम इसे महसूस कर सकते हैं.
और इस फिल्म के हर फ्रेम में एक नई Thinking दिखती है और ये नई सोच ‘पुष्पा 2’ के हर सीन को और खास बना देती है. अगर किसी example दूँ तो फिल्म में एक सीन है, जहां पुष्पा के 200 से ज्यादा साथियों को शेखावत पकड़ लेता है. जिसके बाद हम उम्मीद करते हैं कि ‘सिंघम अगेन’ में जिस तरह से अर्जुन कपूर पुलिस थाने में आए थे और उन्होंने सभी पुलिस वालों को मार गिराकर अपने साथियों को छुड़ाया था, ठीक वैसे ही पुष्पा भी करेगा. लेकिन वो जो करता है वो आपने कभी नहीं सोचा होगा. लेकिन कैमरा के पीछे बैठा हुआ डायरेक्टर और उसके सामने परफॉर्म करने वाला एक्टर, इन दोनों के बीच ये कमाल की केमिस्ट्री बनाने का आधा Credit तो हमें अल्लू अर्जुन को भी देना होगा.
जबरदस्त है एक्टिंग
और अगर मैं एक्टिंग की बात करूँ तो आपने कभी सोचा था कि अपना एक कंधा नीचे झुकाकर चलने वाले, दाढ़ी से लेकर सिर तक जिसके बाल बढ़े हो, जो चमकीले से अजीब रंग के कपड़े पहनता हो, ऐसे charactor को पूरा देश पसंद करने लगेगा? लेकिन अल्लू अर्जुन ने वो कमाल करके दिखाया है. अल्लू अर्जुन एक मास हीरो हैं, और रियल लाइफ में हो या फिल्मों में हमेशा उन्हें एक स्टाइलिश लुक में देखा गया है. लेकिन पुष्पा में उन्होंने अपनी इमेज या लुक की परवाह न करते हुए अपने परफॉर्मेंस पर ध्यान दिया है. ‘पुष्पा 2’ अल्लू अर्जुन के करियर की अब तक की बेस्ट फिल्म है. फिल्म के ट्रेलर और पोस्टर में उन्हें साड़ी पहनकर काली मां के अवतार में देखा गया था.
श्रीवल्ली का किरदार है शानदार
ये लुक सिर्फ लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचने के लिए नहीं है, इसके पीछे एक क्रांतिकारी सोच है और साड़ी पहनकर अल्लू अर्जुन ने जो परफॉर्मेंस दी है, उसे ये फिल्म देखने वाले लंबे समय तक भूल नहीं पाएंगे. वही श्रीवल्ली के किरदार में रश्मिका मंदाना ने जान डाल दी है. पुष्पा के पार्ट 1 में उनके होने न होने से ज्यादा फर्क नहीं पड़ा था. लेकिन पुष्पा 2 में रश्मिका ये बता देती हैं कि उनका इस फिल्म में होना क्यों जरूरी हैं. पुष्पा 2 की और एक खास बात है इस फिल्म की डबिंग और बैकग्राउंड म्यूजिक. श्रेयस तलपड़े की आवाज पुष्पा के किरदार को पूरा न्याय देती हैं. फिल्म के गाने याद नहीं रहते. लेकिन बैकग्राउंड म्यूजिक पर खास मेहनत की गई है.
और जब रिव्यू करने के लिए मैं फिल्म देखती हूं तो अक्सर मोबाइल पर मेरा नोटपैड खुला रहता है. क्यूंकि मूवी में क्या इंटरेस्टिंग है, कौनसा अट्रैक्टिव डायलॉग बोला गया है? ये सब मैं अक्सर इस नोटपैड में लिख लेती हूं. लेकिन अल्लू अर्जुन की ‘पुष्पा’ एक ऐसी मूवी है, जिसे देखते हुए मैं पूरी तरह से भूल गई कि मुझे नोटपैड पर इससे जुड़ी बातें लिखनी होगी. क्यूंकि 3 घंटे 20 मिनट की ये फिल्म पूरी तरह से स्टार्टिंग से लेकर लास्ट तक आपको कनेक्ट करके रखती है. एक पल के लिए भी आपको ये महसूस नहीं होगा कि आप बोर हो रहे हैं और इस बात का क्रेडिट मूवी के डायरेक्टर सुकुमार को जाता है.
फिल्म देखें या नहीं?
और अब आते हैं conclusion पर, यानि पुष्पा 2 आपको देखनी है या नहीं, तो बता दें की पुष्पा 1 की स्टोरी लोगों को कुछ खास पसंद नहीं आई थी. और पुष्पा के मेकर्स ने ये फीडबैक सीरियसली लिया और उन्होंने अपनी स्टोरी पर काम किया. ‘पुष्पा’ 2 में वायलेंस तो है. लेकिन ये वायलेंस अपने आप को जस्टिफाई करता है. और 100 बात की एक बात की ‘पुष्पा’ पहली एंट्री पर इतना बवाल नहीं करता जितना दूसरी एंट्री पर करता है’ तो थिएटर में पुष्पा की दूसरी एंट्री हो चुकी है और उसने क्या बवाल किया है? ये सब जानने के लिए आपको थिएटर की तरफ रुख करना ही होगा.