कराची में गूँजा ‘जय श्री राम’ – रामायण का मंचन बना भारत-पाक सांस्कृतिक मेल का प्रतीक

 
Ramayana in Pakistan Muslim Artists Stage Epic Hindu Play, Chant Jai Shri Ram in Karachi

आज हम लेकर आए हैं एक ऐसी खबर, जो ना सिर्फ india और पाकिस्तान के बीच cultural bridge बन रही है, बल्कि दिलों को जोड़ने का काम भी कर रही है। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं पाकिस्तान के कराची शहर में हाल ही में मंचित हुए रामायण नाटक की, जिसने वहाँ के दर्शकों को mesmerized कर दिया। और सबसे खास बात? इस नाटक में मुस्लिम कलाकारों ने भगवान राम, माता सीता, और हनुमान जैसे किरदार निभाए, और दर्शकों में गूंजे ‘जय श्री राम’ के नारे! आइए, इस खूबसूरत कहानी को और गहराई से जानते हैं।"

"तो क्या आप यकीन कर सकते हैं कि पाकिस्तान जैसे देश में, जहाँ धार्मिक और सांस्कृतिक मतभेदों की बातें अक्सर सुर्खियों में रहती हैं, वहाँ हिंदू धर्म की सबसे पवित्र और महान कथा रामायण का मंचन हुआ? और वो भी इतने प्यार, सम्मान, और भव्यता के साथ कि लोग ताली बजाना भूल गए! 11 से 13 जुलाई 2025 को कराची आर्ट्स काउंसिल में मौज नाम के थिएटर ग्रुप ने रामायण का नाटक प्रस्तुत किया। इस नाटक की खासियत थी कि इसमें ज्यादातर मुस्लिम कलाकारों ने हिस्सा लिया।

राम का किरदार निभाया अश्मल लालवानी ने, माता सीता बनीं राणा काजमी, लक्ष्मण बने वक्कास अख्तर, और हनुमान का रोल अदा किया जिबरान खान ने। राजा दशरथ बने आमिर अली, और रानी कैकई का किरदार निभाया सना तोहा ने। इस नाटक को देखकर दर्शकों ने ना सिर्फ तालियाँ बजाईं, बल्कि ‘जय श्री राम’ के नारे भी लगाए। ये पल ना सिर्फ कराची के लिए, बल्कि भारत-पाकिस्तान के सांस्कृतिक रिश्तों के लिए भी ऐतिहासिक था।"

"इस नाटक को और भी खास बनाया modern technology ने। जी हाँ, इस रामायण में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस  का use  किया गया, जिसने scenes  को इतना जीवंत बना दिया कि दर्शक memerize  हो गए। जब मंच पर पेड़ों की पत्तियाँ हवा में हिलती दिखीं, राजा दशरथ का महल एकदम असली सा लगा, और जंगल की शांति का एहसास हुआ, तो ये सब AI की जादूगरी थी। ना कोई असली पेड़, ना ही कोई भव्य महल, फिर भी सब कुछ इतना वास्तविक और खूबसूरत!

ये नाटक पहली बार नवंबर 2024 में कराची के The Second Floor में मंचित हुआ था, और दर्शकों की जबरदस्त तारीफ के बाद इसे जुलाई 2025 में कराची आर्ट्स काउंसिल में और भी बड़े पैमाने पर present किया गया। लाइटिंग, लाइव म्यूजिक, रंग-बिरंगे परिधान, और AI की मदद से बने दृश्यों ने इस नाटक को एक अनोखा अनुभव बना दिया। समीक्षक ओमैर अलवी ने कहा, ‘रामायण की कहानी की सच्चाई और कलाकारों के अभिनय ने इसे Unforgettable बना दिया।’ ये technology  और परंपरा का एक अनूठा संगम था।"

"इस नाटक को डायरेक्ट करने वाले योहेश्वर करेरा ने कहा, ‘मुझे कभी नहीं लगा कि रामायण का मंचन करने से कोई नाराज़ होगा या हमें कोई धमकी मिलेगी। मेरे लिए, रामायण को मंच पर जीवंत करना एक emotional और aesthetic Experience था।’ उन्होंने ये भी कहा कि ये नाटक ये दिखाता है कि पाकिस्तानी समाज जितना लोग समझते हैं, उससे कहीं ज्यादा tolerant है।

माता सीता का किरदार निभाने वाली राणा काजमी, जो इस नाटक की निर्माता भी हैं, उन्होंने  कहा, ‘रामायण सिर्फ एक कहानी नहीं, ये sympathy, struggle, और विश्वास की गाथा है। इसे मंच पर प्रस्तुत करना मेरे लिए एक गहरा अनुभव था।’ इस नाटक ने ना सिर्फ कला की सीमाओं को तोड़ा, बल्कि भारत और पाकिस्तान के बीच सांस्कृतिक सद्भाव का एक नया संदेश भी दिया। रामायण की कहानी, जो अच्छाई और बुराई की लड़ाई को दिखाती  है, उसने  कराची के दर्शकों के दिलों को छू लिया। और जब दर्शकों ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए, तो ये एकता और प्रेम का प्रतीक बन गया।

 ये नाटक सिर्फ एक थिएटर शो नहीं था, ये एक बड़ा message  था। भारत और पाकिस्तान के बीच अक्सर तनाव की खबरें सुनने को मिलती हैं, लेकिन इस रामायण ने दिखाया कि कला और संस्कृति की कोई सरहद नहीं होती। रामायण एक ऐसी कहानी है, जो ना सिर्फ हिंदू धर्म से जुड़ी है, बल्कि ये पूरी दुनिया के लिए inspiration  है। इसके किरदार - राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान - हमें सच्चाई, त्याग, और विश्वास सिखाते हैं।

पाकिस्तान में मुस्लिम कलाकारों का इस नाटक में हिस्सा लेना और दर्शकों का इसे खुले दिल से accept  करना ये साबित करता है कि इंसानियत और कला हर धर्म और देश से ऊपर है। ये नाटक एक मिसाल है कि कैसे एक कहानी, जो सदियों पुरानी है, आज भी लोगों को जोड़ सकती है। सोशल मीडिया पर भी लोग इसकी तारीफ कर रहे हैं, और इसे भारत-पाकिस्तान के बीच एक सांस्कृतिक पुल के रूप में देखा जा रहा है।"

 रामायण की कहानी हमें सिखाती है कि अच्छाई हमेशा बुराई पर विजय पाती है, और ये नाटक उसका जीवंत उदाहरण है। मौज थिएटर ग्रुप और इसके कलाकारों ने ना सिर्फ एक शानदार प्रदर्शन दिया, बल्कि भारत और पाकिस्तान के बीच एक नया सांस्कृतिक रिश्ता भी बनाया।

 

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