Ravi Kishan Full Name and Struggle days : Ravi Kishan को अपने नाम के आगे से क्यों हटाना पड़ा Shukla ?
रवि किशन entertainment industry में अपनी अच्छी पहचान बना चुके हैं, साथ ही वो politician भी हैं। एक famous podcast के दौरान उन्होंने अपनी जिंदगी के गरीबी के दिनों को याद किया, हालात इतने खराब थे की उस वक्त उन्हें खिचड़ी में भी पानी मिलाकर गुजारा करना पड़ता था। रवि किशन ने बताया कि अब उनके पास कोई कमी नहीं फिर भी बड़े होटल में महंगा खाना नहीं order कर पाते। और साथ ही उन्होंने बातचीत के दौरान ये भी बताया की उन्हें अपने नाम के आगे से शुक्ला क्यों हटाना पड़ा.
famous podcaster शुभंकर मिश्रा से बातचीत में भोजपुरी एक्टर रविकिशन ने अपने struggle days को याद करते हुए बताया की 'मैं मिट्टी की झोपड़ी में रहता था। हमारे ऊपर responsibilities थीं, हमारा खेत गिरवीं रखा था। मैंने बहुत गरीबी देखी है। इतनी कि खिचड़ी को 12 लोगों में बांटना होता था वो भी पानी डालकर।
रवि किशन ने आगे अपने मुंबई में आने के दिनों को याद करते हुए बताया कि चाय और वड़ा पाव में गुजारा करते थे , और 15 साल तक industrty में उन्हें ठीक से पैसे भी नहीं मिले। रवि बताते हैं, की मैंने बहुत अपमान झेला है। लोगों को एक-दो बार बेइज्जत होना पड़ता है, लेकिन मैंने हजारों बार ये झेला है। इन सबसे ही रवि किशन वो बना जो आज है।
इसके आगे उन्होंने अपने नाम के आगे से शुक्ला क्यों हटाया इसकी वजह भी बताई, रवि किशन का सरनेम शुक्ला है, जब उनसे पूछा गया कि इसे क्यों हटाया तो इस पर बोले, क्योंकि शुक्ला सरनेम से मुझे काम नहीं मिल रहा था, उन्होंने बताया कि उस वक्त पैसे कमाना सबसे बड़ी जरूरत थी इसलिए सरनेम की चिंता नहीं की, रवि किशन बोले की उनका नाम रवि किशन शुक्ला था। अब तो सौरभ शुक्ला, त्रिपाठी और बाजपेई सब हैं लेकिन तब ऐसा नहीं था।
रवि किशन ने आगे बताया कि आज भी जब वो 7 स्टार होटल में जाते हैं तो महंगा खाना ऑर्डर नहीं कर पाते, भले ही इसके लिए कोई भी pay कर रहा हो। बोले, 'मैं आज भी खिचड़ी ऑर्डर करता हूं। मैं आज भी कपड़े laundary में देने में झिझकता हूं। मुझे लगता है कि घर पर ही धो सकता हूं। वो गरीबी आज भी मेरा हिस्सा है, उस middle class रवि किशन ने आज भी मुझे नहीं छोड़ा है.
रवि किशन ने आगे बताया कि वो अपने परिवार वालों का मनोबल बढ़ाते हैं कि खुद पर पैसे खर्च करें और वो जो भी luxury item खरीदते हैं उसके लिए पैसे देकर उन्हें खुशी होती है। लेकिन खुद पर पैसे नहीं खर्च कर पाते। उन्होंने ये भी बताया की उनके परिवार के लोग उनके लिए महंगे सामान खरीदते हैं।