अक्षय कुमार हर साल 4 फिल्में क्यों करते हैं? पैसा, पैशन या कुछ और?

Akshay on money and work

 
Akshay on money and work

Akshay Kumar interview

जब बात हो मेहनत और लगन की, तो बॉलीवुड में अक्षय कुमार का नाम सबसे पहले आता है। 'खिलाड़ी कुमार' के नाम से मशहूर अक्षय, साल में 3 से 4 फिल्में करते हैं – वो भी लगातार, बिना किसी लंबा ब्रेक लिए। लेकिन यह सवाल कई बार सामने आता है: अक्षय हर साल इतनी फिल्में क्यों करते हैं? क्या इसकी वजह सिर्फ पैसा है या इसके पीछे कोई और सोच है?

आज हम इसी सवाल का जवाब तलाशेंगे – अक्षय कुमार के इंटरव्यूज़, करियर ग्राफ और उनकी सोच को समझते हुए।

150+ फिल्में, 30+ साल का सफर

1991 में 'सौगंध' से करियर की शुरुआत करने वाले अक्षय कुमार अब तक 150 से ज़्यादा फिल्मों में नज़र आ चुके हैं। जहां शाहरुख खान, आमिर खान और सलमान खान जैसे बड़े सितारे साल में एक या दो फिल्में करते हैं, वहीं अक्षय का कैलेंडर हमेशा भरा रहता है।

"काम मिल रहा है, तो क्यों न करूं?" - अक्षय का जवाब ट्रोलर्स को

हाल ही में एक यूट्यूब शो में, अक्षय ने उन ट्रोलर्स को करारा जवाब दिया जो उन्हें 'ओवरवर्किंग' या 'पैसे के पीछे भागने वाला' कहते हैं। उन्होंने कहा:

"अगर किसी को काम मिल रहा है, तो वो क्यों रुके? जैसे एक आम आदमी रोज़ ऑफिस जाता है, वैसे ही मैं भी काम करता हूं। ये मेरा प्रोफेशन है और मेरी पहचान भी।"

क्या पैसा ही वजह है?

अक्षय कुमार की कुल संपत्ति ₹2600 करोड़ रुपये से अधिक है। वो फिल्मों के अलावा विज्ञापन, सोशल मीडिया और अपने प्रोडक्शन हाउस 'Cape of Good Films' से भी तगड़ी कमाई करते हैं। एक इंस्टाग्राम पोस्ट के लिए वो करीब ₹1 करोड़ चार्ज करते हैं।

लेकिन अक्षय के मुताबिक, अब उनके लिए पैसा प्राथमिकता नहीं है। अपने 57वें जन्मदिन पर दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा:

"इतना कमा चुका हूं कि अब आराम से बैठ सकता हूं। लेकिन काम करना अब मेरे लिए ज़रूरत नहीं, जुनून है। मजा आता है।"

Versatility ही पहचान है

अक्षय हर साल अलग-अलग जॉनर की फिल्में करते हैं – एक्शन, कॉमेडी, ड्रामा, बायोपिक – ताकि ऑडियंस को हर बार कुछ नया मिल सके। 'हाउसफुल 5' की कॉमेडी हो या 'केसरी 2' में देशभक्ति – अक्षय हर किरदार में खुद को ढाल लेते हैं।

हालांकि उनकी लगातार फिल्में करने की आदत को लेकर कई बार आलोचना भी होती है। 'राम सेतु', 'मिशन रानीगंज', और 'बड़े मियां छोटे मियां' जैसी कुछ फिल्में बॉक्स ऑफिस पर नहीं चलीं। लेकिन अक्षय मानते हैं कि फेल्योर उन्हें और बेहतर बनने के लिए प्रेरित करता है

"अगर एक फिल्म फ्लॉप हो जाए, तो इसका मतलब ये नहीं कि मैं रुक जाऊं। जब तक काम मिल रहा है, करता रहूंगा।"

क्या कहती है पब्लिक?

अब बारी आपकी है। क्या आपको लगता है कि अक्षय कुमार को कम फिल्में करनी चाहिए ताकि क्वालिटी बेहतर हो? या आप उनके इस मेहनती रवैये से प्रेरित हैं?

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